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निदेशक मंडल का गठन तो किया पर नहीं हुई बैठक

कुल्लू : हिमाचल पथ परिवहन कर्मचारी महासंघ इंटक ने वर्तमान सरकार के छह मह

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 07:12 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 07:12 PM (IST)
निदेशक मंडल का गठन तो किया पर नहीं हुई बैठक
निदेशक मंडल का गठन तो किया पर नहीं हुई बैठक

संवाद सहयोगी, कुल्लू : हिमाचल पथ परिवहन कर्मचारी महासंघ इंटक ने वर्तमान सरकार के छह महीने के कार्यकाल को परिवहन निगम के कर्मचारियों के लिए दु:खद बताया है। महासंघ के प्रदेश प्रधान उमेश शर्मा, कार्यकारी प्रधान हरदयाल ¨सह, महामंत्री देश राज, अतरिक्त महासचिव अमीन चंद, वरिष्ठ उप प्रधान अब्दुल रफीक, उप प्रधान ओंकार ¨सह, र¨वदर जट्ट, जसबीर कटोच ,प्रेमसागर, सचिव कुशल, वालिया, मोहंद नासीर, टिक्कम राम संगठन सचिव सुदर्शन, जमील खान, कोषाध्यक्ष तैख चंद, प्रवक्ता गौरी लाल कार्यकारणी सदस्य देश राज, विजय कार्की, योगेश्वर, चंचल, संजीव वालिया, रणजोध ¨सघ, प्रह्लाद, मनमोहन शर्मा, पवन मेहता, भाग चंद, समर चौहान, मनोहर लाल, रणवीर चंदेल, रामकुमार ने कहा है निगम कर्मचरियों को सरकार के गठन के बाद न तो महंगाई भत्ता प्रदान किया गया है और न ही देय अंतरिम राहत प्रदान की गई है। इससे निगम के स्थायी कर्मचारी अन्य सरकारी विभागों से बीस प्रतिशत कम वेतन ले रहे है। इसी प्रकार अनुबंध कर्मचरियों का ग्रेड पे भी 50 प्रतिशत है। जबकि अन्य विभागों में 100 प्रतिशत ग्रेड पे प्रदान की जा रही है। निगम के चालक-परिचालक लगातार अपनी जेबों से पैसा खर्च करके बसों के संचालन में सहयोग कर रहे हैं। जबकि उनको पिछले एक साल से रात्रि भत्ता प्रदान नहीं किया गया है।

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परिवहन मंत्री पिछली सरकार द्वारा उत्पीड़ित किए कर्मचारियों के उत्पीड़न को समाप्त करने बात अखबारों में कह चुके है। जबकि निगम के 7000 से अधिक कर्मचरियों को अभी भी एक दिन का वेतन प्रदान नहीं किया गया है। महासंघ ने निगम कर्मचरियों की इन लंबित मांगों पर समय-समय पर मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री को अवगत करवा दिया है परंतु अभी तक कोई भी हल नही किया गया है।

महासंघ निगम के निदेशक मंडल का गठन तो कर दिया परंतु अभी तक उसकी एक भी बैठक नही हो पाई है जिसके कारण कर्मचरियों की लंबित मांगों का कोई भी निपटारा पिछले छह माह में नही हुआ है। महासंघ सरकार से 10 अगस्त 2018 तक संगठन के लंबित मांग पत्र पर चर्चा करके सभी देय भत्तों की अदायगी करने का अनुरोध करता है अन्यथा महासंघ 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने के बजाए गुलामी दिवस मनाने को मजबूर होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।


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