Move to Jagran APP

न्याय सुलभ बनाने के लिए करें प्रयास

इस मौके पर प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी भी मौजूद रहे।

By Edited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 11:05 PM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 03:54 PM (IST)
न्याय सुलभ बनाने के लिए करें प्रयास
न्याय सुलभ बनाने के लिए करें प्रयास

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने न्यायिक अधिकारियों से संविधान की प्रस्तावना में निहित न्याय दर्शन को ध्यान में रखकर कार्य करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली से जुड़े अधिकारी सामाजिक न्याय सुलभ बनाने के लिए प्रयास करें। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता शनिवार को धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी की ओर से शीघ्र न्याय के लिए 'प्रभावी न्यायालय प्रबंधन विषय' पर आयोजित व्याख्यानमाला की दूसरी कड़ी में व्याख्यान दे रहे थे।

loksabha election banner

इस मौके पर प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी भी मौजूद रहे। आयोजन का उद्देश्य अदालतों में लंबित मामलों का बैकलॉग कम करना व त्वरित न्याय दिलाने में सुधारों के लिए अपनाई जा सकने वाली प्रणाली से अवगत करवाना था। व्याख्यानमाला में कागड़ा, ऊना, हमीरपुर, मंडी, कुल्लू और लाहुल-स्पीति जिलों के 73 न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया।

न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने न्यायिक अधिकारियों से लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने की बात भी कही। उन्होंने पब्लिक पोर्टल 'राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड' (एनजेडीजी) के समुचित उपयोग पर भी बल दिया। न्यायिक अकादमी के निदेशक चिराग भानु सिंह ने स्वागत भाषण दिया और न्यायिक अकादमी के उपनिदेशक अविनाश चंद्र ने मुख्यातिथि का धन्यवाद किया। सचिव, सीनियर सिविल जज नेहा दहिया ने कार्यक्रम का संचालन किया।

आधुनिक तकनीक का करें उपयोग : संजय करोल हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने न्यायिक दर्शन पर बात की और सभी को न्याय प्राप्त करने के अवसर पर जोर दिया। उन्होंने न्याय प्रणाली को कारगर एवं गतिशील बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी अदालतों को राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड से जोड़ा गया है। न्यायमूर्ति धर्मचंद चौधरी ने न्यायालयों के प्रभावी प्रबंधन पर अनुभव साझा किए और प्रबंधन बाबत सुझाव दिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.