कोरम अधूरा, जिला परिषद उपाध्यक्ष चुनाव लटका
जिला परिषद कांगड़ा के उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए बुलाई गई बैठक म
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : जिला परिषद कांगड़ा के उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए बुलाई गई बैठक में कोरम पूरा न होने लटक गया है। फिलहाल चुनाव को स्थगित कर दिया गया है। अब 10 दिन के भीतर जिला प्रशासन चुनाव करवाएगा। शाम तीन बजे पीठासीन अधिकारी एवं एडीएम कांगड़ा मस्तराम भारद्वाज की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। नियमानुसार दो घंटों तक दो-तिहाई सदस्यों की मौजूदगी के लिए इंतजार किया गया, लेकिन केवल 27 सदस्य ही बैठक में मौजूद हुए।
13 अगस्त को हुई जिला परिषद की बैठक के बाद सदस्यों ने पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अविश्वास मत लाए थे। 27 अगस्त को हुई बैठक के बाद बाकायदा गुप्त मतदान से अविश्वास प्रस्ताव को लेकर प्रक्रिया अपनाई गई तो प्रस्ताव के पक्ष में कुल 43 सदस्यों में से 26 जबकि विपक्ष के खिलाफ 17 ही मत पड़े थे। इस प्रकार पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष गगन सिंह को कुर्सी से हटा दिया गया और नए उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर उपायुक्त कांगड़ा ने एडीएम को बतौर पीठासीन अधिकारी अधिकृत किया था। इसी के चलते नए उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर बैठक बुलाई थी।
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बैठक में पहुंचे केवल कांग्रेस समर्थित पार्षद
बैठक में केवल कांग्रेस समर्थित ही 27 पार्षदों ने मौजूदगी दर्ज करवाई, जबकि भाजपा समर्थित सभी पार्षद अनुपस्थित रहे।
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अध्यक्ष ने भी बनाई दूरी
जिला परिषद अध्यक्ष मधु गुप्ता भी बैठक से अनुपस्थित रहीं। हालांकि इस बैठक में उन्हें अध्यक्ष नहीं बल्कि एक पार्षद के तौर उपस्थिति दर्ज करवानी थी। इस पर पार्षदों ने नाराजगी जाहिर की। उपस्थित पार्षदों का कहना था कि जब वह इतनी दूर से आ सकते हैं तो मौजूदा अध्यक्ष क्यों नहीं।
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शाम के समय बैठक बुलाने पर भी जाहिर की नाराजगी
पार्षदों ने शाम के समय बैठक रखे जाने पर भी नाराजगी जाहिर की। उनका कहना था कि बैठक का समय सुबह का होना चाहिए, क्योंकि सदस्यों में कई महिलाएं भी हैं और वह कई घंटों के सफर के बाद यहां पहुंची, जिन्हें वापस घर पहुंचने में भी देर रात हो जाएगी।
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कोरम अधूरा होने पर चुनाव को स्थगित किया गया है। अब 10 दिनों के भीतर चुनाव करवाया जाएगा। हालांकि नियमों के तहत दो घंटों तक कोरम पूरा होने के लिए सदस्यों का इंतजार किया गया, लेकिन कोरम पूरा नहीं हो पाया।
-मस्तराम भारद्वाज, पीठासीन अधिकारी एवं एडीएम कांगड़ा।