जेबीटी भर्ती के लिए हुई काउंसलिंग रद की तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
जेबीटी के 700 पदों के लिए हुई काउंसलिंग को रद किया तो जेबीटी प्रशिक्षित सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : जेबीटी के 700 पदों के लिए हुई काउंसलिंग को रद कर दोबारा भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला तो टेट मेरिट प्राप्त जेबीटी प्रशिक्षित न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि जेबीटी भर्ती के लिए हुई काउंसलिंग का परिणाम लगभग 11 माह बाद भी घोषित नहीं किया गया है। वर्ष 2017 में शिक्षा विभाग ने 700 पदों के लिए टेट मेरिट आधार पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर 11 से 31 जुलाई तक काउंस¨लग प्रक्रिया पूरी करवाई थी, लेकिन उच्च न्यायालय में केस के कारण परिणाम घोषित नहीं हो पाया है। जेबीटी टेट मेरिट प्राप्त प्रशिक्षुओं अमित कुमार, संजीव, राज, अमित ठाकुर, शिव, रोमा, वंदना, पूजा, अजय, सतवीर, सुनीता, संतोष, मनीष, हेमचंद, कनिष्क, निखिल, धीरज, कुलवीर, धर्मपाल, संदीप ठाकुर, संजू, अंकुश सोनी, राजेश कुमार, शेर ¨सह, राहुल, ज्योति, मनमोहन ¨सह, रोमा कटोच, सतवीर कौर, राज नेगी, अमित शर्मा, राज, अमित ठाकुर, पवन, संजू राणा, संतोष, धीरज, मुनीश, संजीव, सुमन, अजय, अंकित, हेम, संदीप, शक्ति, राजेश, सुनीता, दीपक, गगन, इक्का ¨सह, सोनू, रवि, नितिका, ¨पटू राणा, पूजा चंदेल, ज्योति व शेखर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी अपने एक फैसले में यह स्पष्ट कर चुका है कि भर्ती के बीच में नए भर्ती नियम लागू नहीं किए जा सकते हैं। प्रशिक्षुओं का कहना है कि अब उच्च न्यायालय में इस संबंध में अगली सुनवाई 10 जुलाई को रखी गई है। अगर कोई फैसला नहीं आता है तो वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, ऊना, कुल्लू व किन्नौर में 2012 के बाद अब तक कोई भी पद नहीं भरा गया है, जबकि अन्य जिलों में 2016 में 600 पदों पर टेट मेरिट आधार पर नियुक्ति दी गई है। प्रशिक्षुओं का कहना है 2012 में टेट मेरिट आधार पर बने नियमों के आधार पर 11 से 31 जुलाई 2017 तक काउंसलिंग की प्रकिया पूरी कर ली की गई। विभाग ने 22 सितंबर, 2017 के बाद होने वाली भर्तियों के लिए नए नियम बनाए हैं और उन्हें राजपत्र में 29 सितंबर 2017 को शामिल किया गया है। पुराने भर्ती नियम 30 अगस्त 2017 को निरस्त किए गए हैं, इसलिए इस पुरानी भर्ती पर नए नियम लागू नहीं किए जा सकते हैं। उन्होंने सरकार, शिक्षा विभाग व उच्च न्यायालय से आग्रह है कि उन्हें न्याय दिया जाए।