नशे पर बेल नहीं, होगी सीधी जेल
हिमाचल प्रदेश में अब मादक द्रव्य पदार्थों का अवैध कारोबार करने वालों की खैर नहीं होगी। न केवल नशा बेचने वाले,बल्कि नशा रखने वालों पर भी कड़ी नकेल जाएगी। छोटी मात्रा पकड़े जाने पर भी जमानत नहीं होगी। ऐसे अपराधों में लोक अभियोजकों से सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा। न जमानत पर छूटेंगे न ही मुचलके पर। कोमिर्शयल या नॉन कोमर्शियल केटेगरी को समाप्त करना प्रस्तावित है। सरकार नशे के खिलाफ सख्त हो गई है। इस सिलसिले में सरकार ने राज्य विधानसभा में बुधवार को नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांसेज यानी एनडीपीएस एक्ट में 19
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश में अब मादक द्रव्य पदार्थो का अवैध कारोबार करने वालों की खैर नहीं होगी। न केवल नशा बेचने वाले, बल्कि नशा रखने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। नशे की थोड़ी मात्रा पकड़े जाने पर भी जमानत नहीं होगी। ऐसे अपराधों में लोक अभियोजकों से सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा। कमर्शियल या नॉन कमर्शियल कैटेगरी को समाप्त करना प्रस्तावित है। इस सिलसिले में सरकार ने विधानसभा में बुधवार को नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांसेज यानी एनडीपीएस एक्ट 1985 में संशोधन विधेयक पेश किया। इसे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से पेश किया गया व सदन ने इसे स्वीकार कर लिया। अब इस पर चर्चा होगी और उसके यह बाद पारित हो सकेगा। सरकार को लगता है किइससे प्रदेश में नशे की बढ़ती प्रवृति पर रोक लग सकेगी।
क्या कहता है हाईकोर्ट
प्रस्ताव में हाईकोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि कोर्ट ने इसी साल 19 जुलाई को सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह लोक अभियोजक उन मामलों में जमानत का विरोध करे, जिनमें मादक द्रव्य पदार्थों की थोड़ी मात्रा पकड़ी गई हो। इसके मद्देनजर सरकार ने कठोर कानून बनाने की जरूरत समझी।
सिक्किम का किया अध्ययन
प्रदेश पुलिस ने सिक्किम के कानून का भी अध्ययन किया है। वहां सख्ती के साथ-साथ सुधारवादी कदमों का भी प्रावधान किया गया है। मसलन अगर कोई सरकारी कर्मचारी मादक द्रव्य पदार्थों की तस्करी करता हुआ पकड़ा जाए तो उसके लिए सजा का अलग प्रावधान है। नशा निवारण केंद्रों पर भी ध्यान दिया गया है। पुलिस ने कई प्रस्ताव सरकार के पास सौंपे। इन सब के बारे में भी मंथन हुआ।
पुलिस के लिए इनामी योजना
प्रदेश पुलिस ने अपने कर्मचारियों के लिए इनामी योजना शुरू की है। डीजीपी एसआर मरडी ने यह योजना तैयार करवाई है। इसमें अवैध धंधा करने वालों को पकड़ने पर पुलिस को पुरस्कार मिलता है। यह उनके करियर में प्रमोशन में काम आता है।
विपक्ष रहा गैरमौजूद
यह प्रस्ताव विपक्ष की गैरमौजूदगी में प्रस्तुत हुआ। कांग्रेस विधायकों ने प्रश्नकाल के दौरान वाकआउट कर लिया था।