हिमानी चामुंडा मंदिर का विकास बना सपना
आदि हिमानी चामुंडा मंदिर को मां वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज विकसित करना अभी भी सपना बना हुआ है।
संवाद सहयोगी, योल : आदि हिमानी चामुंडा मंदिर को मां वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज विकसित करना अभी भी सपना बनकर रह गया है। आलम यह है कि 14 किलोमीटर चढ़ाई दुर्गम रास्ते, न ही उचित बिजली व पानी की व्यवस्था। बेशक मंदिर प्रशासन ने अनुमानित 1.04 करोड़ रुपये के बजट से मंदिर को नया रूप प्रदान करने की पहल की है। लेकिन जब तक आवाजाही के व्यापक प्रबंध नहीं हो पाते तब तक वैष्णो देवी के मंदिर की तर्ज पर विकसित करना नामुमकिन है। पिछली सरकारों ने कई बार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए घोषणाएं की। आवाजाही के हेली टैक्सी सेवाओं के आश्वासन रोपवे की प्रस्तावित योजनाएं धरी की धरी रह गई।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद ने मंदिर जाने वाले रास्ते को 52 लाख रुपये मुहैया कराए और जिया वाले रास्ते का सुधार भी हुआ, लेकिन समय-समय पर मरम्मत व देखरेख के अभाव में रास्ता बदहाल होने लगा।
यही दशा कंडकरडियाणा, भौंटा मार्ग का रहा। जहां कई बार कई नेताओं ने मात्र कोरी घोषणाएं कर इतिश्री कर ली। हालांकि 10 हजार फीट पर चंद्रधार पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित मा हिमानी मंदिर में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति का न होने की वजह से आज यह धार्मिक पर्यटन स्थल वैष्णो देवी की तर्ज पर विकसित करना अभी कोसों दूर है।
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मंदिर को धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। 1.04 करोड़ से निर्माणाधीन मंदिर भवन का कार्य अगले साल तक पूरा हो जाएगा।
-धर्मेश रमोत्रा, एसडीएम, धर्मशाला।