अब बेसहारा नहीं रहेगा गोवंश
प्रदेश में गौवंश बेसहारा नहीं रहेगा। प्रदेश सरकार इस वंश के संरक्षण और संवद्धन के लिए गो आयोग गठित होगा। इस संबंध में पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने विधानसभा में प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इसे सदन से स्वीकार कर लिया है। चर्चा के बाद यह पारित हो सकेगा। इस प्रस्ताव के मुताबिक आयोग अध्यक्ष के अलावा 11 सरकारी सदस्य होंगे। जबिक 10 अन्य गैर सरकारी सदस्य होंगे। एक उपाध्यक्ष भी होगा। सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष होगा। गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्ति उन लोगों में से होगी, जिनकी गो सेवा के प्रति रूचि होगी। मंदिर ट्रस्टों और शराब के उपकर से इसकी आय होगी। आरंभ में इसके गठन पर 5.30 करेाड़ ख्चार्चा आएगी। इसके अलावा 2 करोड़ 95 लाख इसके संचालन पर खर्चा आएगा। सरकार संचय निधि से आर्थिक सहयोग करेगी। बॉक्स- 30 हजार पशु बेसहरा पशु प्रदेश में करीब 30 हजार बेससहारा पशु हैं। इनके संवद्वन के लिए गो सेंक्
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला : प्रदेश में गोवंश बेसहारा नहीं रहेगा। प्रदेश सरकार इस वंश के संरक्षण के लिए गो सेवा आयोग गठित करेगी। इस संबंध में पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने विधानसभा में प्रस्ताव प्रस्तुत किया व इसे सदन ने स्वीकार कर लिया है। चर्चा के बाद यह पारित हो सकेगा। प्रस्ताव के मुताबिक आयोग में अध्यक्ष के अलावा 11 सरकारी व 10 गैरसरकारी सदस्य होंगे। एक उपाध्यक्ष भी होगा। सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष होगा। गैरसरकारी सदस्यों की नियुक्ति उन लोगों में से होगी, जिनकी गो सेवा के प्रति रुचि होगी। मंदिर न्यासों और शराब के उपकर से इसकी आय होगी। शुरू में इसके गठन पर 5.30 करोड़ रुपये खर्च आएगा। इसके अलावा 2 करोड़ 95 लाख इसके संचालन पर खर्च आएगा। सरकार संचय निधि से आर्थिक सहयोग करेगी।
30 हजार पशु बेसहारा
प्रदेश में करीब 30 हजार बेसहारा पशु हैं। इनके संवर्द्धन के लिए गो सेंक्चुअरी का गठन होगा। गो सदनों को भी संरक्षण मिलेगा। सरकार पंचायत प्रधानों की पावर को वापस लेने और इसे पशु चिकित्सकों को देने पर भी विचार कर रही है। पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों पर जुर्माना लगाने का पावर अभी प्रधानों के पास हैं। वे पांच सौ रुपये का जुर्माना लगा सकते हैं। सरकार इसे पांच हजार रुपये तक बढ़ाएगी।
कौन-कौन होगा आयोग में
पशुपालन मंत्री गो सेवा आयोग के अध्यक्ष होंगे। पशुपालन, वित्त, भाषा एवं संस्कृति, ग्रामीण विकास, वन विभाग के सचिव, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के पशुपालन के संकाय अध्यक्ष व डीजीपी इसके सदस्य होंगे। पशुपालन विभाग के निदेशक इसके सदस्य सचिव होंगे। गैरसदस्यों की संख्या 10 से अधिक नहीं होगी।
देसी गायों पर होगा अनुसंधान
आयोग देसी गायों की नस्लों पर अनुसंधान करवाएगा। गायों के कल्याण व प्रजनन कार्यक्रमों के लिए नीतियां बनाएगा। साथ ही जागरूकता कार्यक्रम भी करवाएगा।
दोषी व्यक्ति नहीं होंगे सदस्य
कोर्ट से दोषी करार व्यक्ति आयोग के सदस्य नहीं होंगे। नौकरी से बर्खास्त किए गए अधिकारी एवं कर्मचारी भी इसका हिस्सा नहीं बन सकेंगे।