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भाजपा नेताओं के खिलाफ वापस होंगे मामले

प्रदेश सरकार भाजपा और सत्ता से जुड़े बड़े नेताओं के खिलाफ पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान दर्ज आपराधिक केस अब वापस होंगे। सरकार का तर्क है कि ये केस राजनैतिक आधार पर दर्ज किए गए थे। इनमें कई मामलों में विधि विभाग से भी परामर्श लिया गया। सरकार इन नेताओं पर पूरी तरह से मेहरबानी दिखा रही है। इनमें विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, ओएसडी, मंत्री, विधायक तक शामिल हैं। इस संबंध में कांग्रेस विधायक एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुख¨वद्र ¨सह सुक्खू ने सवाल पूछा था। वह खुद मौजूद नहीं थे। सुबह 11 बजे यह सवाल

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 07:03 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 07:03 PM (IST)
भाजपा नेताओं के खिलाफ वापस होंगे मामले
भाजपा नेताओं के खिलाफ वापस होंगे मामले

राज्य ब्यूरो, धर्मशाला : भाजपा और सत्ता से जुड़े नेताओं के खिलाफ पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान दर्ज आपराधिक मामले अब वापस होंगे। सरकार का तर्क है कि ये मामले राजनीतिक आधार पर दर्ज किए गए थे। इनमें से कई मामलों में विधि विभाग से भी परामर्श लिया गया है। सरकार इन नेताओं पर मेहरबानी दिखा रही है और इनमें विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, ओएसडी, मंत्री, सांसद व विधायक तक शामिल हैं। इस संबंध में कांग्रेस विधायक एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सवाल पूछा था। वह खुद मौजूद नहीं थे। सुबह 11 बजे यह सवाल प्रश्नकाल की कार्यसूची में था। इसे 944 नंबर दिया गया था लेकिन बाद में यह सूची से गायब हो गया। इस पर विपक्ष ने सवाल उठाया। कांग्रेस विधायकों ने एजेंडे के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।

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कौन-कौन हैं नेता

-विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव ¨बदल

-उपाध्यक्ष हंसराज

-ओएसडी महेंद्र धर्माणी

-मंत्री गो¨वद ठाकुर

-सांसद रामस्वरूप

-विधायक राकेश जम्वाल

-विधायक सुरेंद्र शोरी

-विधायक जीया लाल

-विधायक बिक्रम जरयाल

-विधायक राकेश जम्वाल

-विधायक विनोद कुमार

-विधायक हीरालाल

-शकुंतला देवी

-बलवीर चौधरी

-राजकुमार डोगरा

-केके कौशल

-बलदेव शर्मा

-बालकृण

-भाजपा प्रवक्ता रणधीर शर्मा

-कुलदीप पठानिया, कांग्रेस नेता

क्या पूछा था सवाल

विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सवाल पूछा था कि सरकार इस साल पहली जनवरी से पांच नवंबर तक कितने राजनेताओं के विरुद्धकेस वापस लेने का विचार रखती है। ये केस किन धाराओं में दर्ज हैं? क्या आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल हो गए हैं या नहीं? क्या भविष्य में ऐसे मामलों को वापस लेने का विचार रखती है। इसके जवाब में सरकार ने कार्यसूची में सूची दी।

शिमला के सांसद पर नहीं फैसला

शिमला संसदीय क्षेत्र से संसद सदस्य वीरेंद्र कश्यप का केस सरकार वापस नहीं लेगी, क्योंकि सरकार की सूची में वह नहीं हैं। उनके खिलाफ कई वर्ष पूर्व विजिलेंस ने केस दर्ज किया था। यह कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है और कोर्ट में चल रहा है।

मंडी के सांसद को राहत

सरकार ने मंडी के सांसद रामस्वरूप को राहत दी है। उनके खिलाफ दर्ज मामले को वापस करने की संस्तुति की है।

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पूर्व कांग्रेस सरकार ने तत्तापानी में धरने पर बैठने पर केस दर्ज किया था। यह अब कोर्ट से वापस हो गया है। मेहरबानी का सवाल पैदा नहीं होता। करसोग की कोर्ट ने राहत जरूर दी है। हम 10 से 15 लोग आरोपित थे।

-रामस्वरूप शर्मा, सांसद, मंडी

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विधानसभा के एजेंडे के साथ छेड़छाड़ हुई है। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ नारे लगाए। सवाल कैसे गायब हो गया? यह गंभीर विषय है। सवाल पर चर्चा होती तो पता चलता सरकार की मंशा है क्या? कोटखाई मामले में भाजपा ने सियासी रंग देकर सत्ता में भगवा रंग भरा, उन मामलों को भी सरकार को वापस लेना चाहिए। सरकार की नीति और नीयत दोनों में खोट है।

-मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष

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पूर्व सरकार ने मेरे खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे। तब मैं पार्टी का जिले का अध्यक्ष था। एचपीसीए क्रिकेट स्टेडियम तोड़ने का हमने विरोध जताया और इसकी सजा भुगती।

-सुरेंद्र शोरी, विधायक बंजार


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