आर्थिक लाभ के लिए प्राध्यापकों से दोहरा रवैया
प्रदेश के सरकारों ने शैक्षणिक संस्थानों की शिक्षकों को कई बना दिए हैं। शिक्षकों को अलग अलग संगठनों को विभाजित करके आपस में उलझाया जा रहा है और उनकी अनसुनी की जा रही है।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : शिक्षकों को अलग-अलग संगठनों में विभाजित कर उलझाया जा रहा है और उनकी अनदेखी की जा रही है। जब भी शिक्षक मांगों को लेकर सरकारों के पास पहुंचते हैं तो उनको नजरअंदाज किया जाता है। यह बात प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ (एचजीसीटीए) के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष धर्मवीर ठाकुर ने रविवार को धर्मशाला कॉलेज में आयोजित संघ के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कही। शपथ ग्रहण समारोह सेवानिवृत्त प्राचार्य विजय कुमार शर्मा की अध्यक्षता में हुआ। प्रदेशाध्यक्ष के रूप में डॉ. धर्मवीर ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय जसरोटिया, उपाध्यक्ष ओपी ठाकुर, महामंत्री जयलाल शर्मा, संयुक्त सचिव अनिल, डॉ. सतीश ठाकुर और कोषाध्यक्ष के रूप में संदीप चौहान ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों और स्कूल प्राध्यापकों को आर्थिक लाभ देने के लिए दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है। इसके खिलाफ एचजीसीटीए आवाज बुलंद करेगी। एचजीसीटीए शीघ्र ही मांगों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और विभाग के उच्चाधिकारियों से मिलेगी। इसमें प्राध्यापकों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम, 55 साल आयु के बाद प्राचार्य बनने के लिए विभागीय परीक्षा की शर्त हटाने, प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने, 2016 से प्राध्यापकों को नया पे-स्केल और अनुबंध प्राध्यापकों को एक नीति के तहत आर्थिक लाभ देने की मांग उठाई जाएगी। इससे पूर्व 16 नवंबर को प्रदेश भर के महाविद्यालयों में एचजीसीटीए की कार्यकारिणी के लिए मतदान हुआ। 25 नवंबर को संजौली महाविद्यालय में मतगणना हुई। इसमें एचजीसीटीए की नई कार्यकारिणी चुनी गई। शपथ ग्रहण समारोह में एचजीसीटीए के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राजेश यादव सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य और पूर्व प्राचार्य मौजूद रहे।