सड़क की सूरत देख दावे भी हैरान
संवाद सूत्र ज्वालामुखी धार्मिक नगरी ज्वालामुखी में सड़क की हालत देखकर सरकार के दावे भी
संवाद सूत्र, ज्वालामुखी : धार्मिक नगरी ज्वालामुखी में सड़क की हालत देखकर सरकार के दावे भी हैरान हैं। जी हां! कड़वा सच यह है कि लंबे समय से विकास की राह देख रहे गांव सड़क जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं। ज्वालामुखी के समीपवर्ती गांव अध्धे दी हट्टी से लहासन के लिए बनी सड़क ग्रामीणों के लिए आफत बन गई है।
हालात ये हैं कि नालियां तो क्या सड़क का नामोनिशान भी नहीं है। मरम्मत न होने से कच्ची सड़क खड्ड का रूप धारण कर चुकी है। गांव में आने के लिए टैक्सी और ऑटो चालक साफ इन्कार कर देते हैं। हालांकि मरम्मत कार्य शुरू हुआ था लेकिन मामूली काटछांट और एक-दो पुलिया बनाकर ही काम अधूरा छोड़ दिया है। इससे हर गांव को सड़क से जोड़ने के सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
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सड़क निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। जल्द मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
-सुमन कौंडल, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग
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कई सालों से सड़क का काम अधूरा है। मार्ग पैदल चलने योग्य भी नहीं है। कई बार विभाग से मरम्मत की गुहार लगाई लेकिन नतीजा शून्य ही है।
प्रदीप शर्मा।
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हर बार सड़क का काम शुरू करने का आश्वासन देने के बाद विभाग भूल जाता है। लोगों को दिखाने के लिए सड़क की शिलान्यास पट्टिका लगाई है। जल्द मरम्मत की जानी चाहिए।
-प्रवीण शर्मा ।
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विभाग ने इस सड़क के लिए 78 लाख के बजट का बोर्ड तीन साल पहले लगाया था। अब बताया जा रहा है कि जब सड़क का भूमिपूजन हुआ था तो उस समय 30 लाख रुपये ही उपलब्ध थे।
-शीतल
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बरसात में सड़क की हालत बद से बदतर हो जाएगी। पिछली बरसात में भी काफी दिक्कत हुई थी। पता नहीं कौन सी टेंडर प्रक्रिया है, जो साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है।
-पंकज ठाकुर