किसी भी देश में रहने वाला हिंदू भारत मां का पुत्र : शांता
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व सांसद शांता कुमार ने सीएए पर कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरूद्ध घटिया राजनीति के कारण विपक्ष ने यह सिद्ध कर दिया कि भले ही झूठ के पैर नहीं होते फिर भी कई बार झूठ उड़ कर भी बहुत दूर पहुंच जाता है। भारत सरकार ने केवल और केवल पड़ोसी मुस्लिम देशों से आये हिदूओं को नागरिकता दी है इसके अतिरिक्त और कुछ भी नहीं किया है। विपक्ष ने भारत में ऐसा आन्दोलन खड़ा करने की कोशिश की कि जैसे लोंगो के अधिकारों को छीना गया है।
जागरण संवाददाता, पालमपुर : पूर्व सांसद शांता कुमार ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विपक्ष घटिया राजनीति कर रहा है। केंद्र ने सिर्फ पड़ोसी मुस्लिम देशों से आए हिदुओं को नागरिकता दी है। विपक्ष इस मुद्दे पर बेवजह आंदोलन कर रहा है।
यहां जारी बयान में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद शांता कुमार ने कहा कि विपक्ष का यह आरोप भी आधारहीन है कि भारत के संविधान के अनुसार कोई कानून केवल हिंदुओं के लिए नहीं बनाया जा सकता। सरकार ने ऐसे बहुत से कानून बनाए जो सबके लिए नहीं, किसी जाति विशेष के लिए हैं। कई प्रकार के आरक्षण अलग-अलग वर्गों को दिए, सबको नहीं। क्योंकि सब बराबर नहीं इसलिए सबको आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पड़ोसी मुस्लिम देशों से आए हुए लोग दो प्रकार के हैं। एक हिंदू पीड़ित हैं। पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या 23 प्रतिशत से घटकर तीन फीसद, बांग्लादेश में 22 फीसद से घटकर दो फीसद रह गई। इन दोनों देशों में लगभग 15 करोड़ हिंदू या तो मुस्लिम बना दिए गए या मार दिए गए या कुछ जान बचा कर भारत आ गए। जो अपनी जान बचाकर भारत में आए उनकी हर प्रकार की सहायता करना भारत का राष्ट्रीय कर्तव्य है। विश्व के किसी भी देश में रहने वाला हिंदू भारत मां का पुत्र है। पीड़ित पुत्र को मां अपनी गोद में अवश्य आश्रय देगी।
शांता कुमार ने कहा कि कुछ लोग बुरी नीयत से घुसपैठ कर भारत आए हैं। घुसपैठियों की संख्या कम से कम पांच करोड़ हो गई है। असम में कई स्थानों पर घुसपैठियों की संख्या मूल निवासियों से अधिक हो गई है। वोट की खातिर कांग्रेस सरकारें यह घुसपैठ होनी देती रहीं। घुसपैठ करने वालों को मतदाता बनाया जाता रहा। इस प्रकार सताए हुए पीड़ित हिंदू शरणार्थियों को इन घुसपैठ करने वाले मुसलमानों के बराबर नहीं समझा जा सकता। विपक्ष के अनुसार यदि इन पांच करोड़ घुसपैठियों को नागरिक बनाया जाए तो भारत में एक और पाकिस्तान की नींव पड़ जाएगी।