Move to Jagran APP

विदेश भेजने के नाम पर ठगे चार लाख

चंडीगढ़ की एक कंपनी ने कांगड़ा के दो युवकों से कनाड़ा भेजने के नाम पर चार लाख रुपये ठग लिए। पहले तो एंजेंट पैसा वापस करने का हवाला देकर आश्वासन देता रहा लेकिन अब फोन भी नहीं उठा रहा है। इस संबंध में पीड़ित युवकों ने पुलिस अधीक्षक विजिलेंस को शिकायत भेजी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 09:59 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 09:59 PM (IST)
विदेश भेजने के नाम पर ठगे चार लाख
विदेश भेजने के नाम पर ठगे चार लाख

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : चंडीगढ़ की एक कंपनी ने कांगड़ा के दो युवकों से कनाडा भेजने के नाम पर चार लाख रुपये ठग लिए। पहले तो एजेंट पैसा लौटाने का हवाला देकर आश्वासन देता रहा, लेकिन अब फोन भी नहीं उठा रहा है। इस संबंध में पीड़ित युवकों ने पुलिस अधीक्षक विजिलेंस को शिकायत भेजी है।

loksabha election banner

ठगी के शिकार ओडर निवासी सतीश व कुठमां निवासी पंकज ने बताया कि मई 2015 को कनाडा जाने के लिए उन्होंने चंडीगढ़ की एक कंपनी से संपर्क किया। कंपनी के अधिकारियों ने 12 जून, 2015 को उन्हें कंपनी के ऑफिस मोहाली बुलाया। इस दौरान कंपनी के कहे अनुसार दोनों युवकों ने चार लाख रुपये जमा करवा दिए। पहली किस्त के रुप में सतीश कुमार ने 95 हजार व पंकज कुमार ने 2 लाख रुपये दिए। उसी महीने में बाकी पैसे की अदायगी भी कर दी। कंपनी के अधिकारियों की ओर से आश्वासन दिया गया था कि उन्हें छह माह के भीतर विदेश भेज दिया जाएगा लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी वे विदेश नहीं जा पाए हैं। पीड़ित युवकों के अनुसार, दो दिन पहले भी उन्हें संबंधित कंपनी की ओर से कॉल आई थी कि जल्द पैसा उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। पीड़ित युवकों ने वीरवार को इस संदर्भ में पुलिस प्रशासन के समक्ष शिकायत भेजी है। उधर, एसपी विजिलेंस अरुल कुमार ने बताया कि पीड़ितों की शिकायत मिली है। इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित युवकों को न्याय दिलाया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.