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हॉस्टलों में छलकते हैं जाम, मचता है हुड़दंग

टांडा कॉलेज में हॉस्टलों में शराब का सेवन और हुड़दंग मचाना आम बात हो गई है।

By Edited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 12:21 AM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 01:47 PM (IST)
हॉस्टलों में छलकते हैं जाम, मचता है हुड़दंग
हॉस्टलों में छलकते हैं जाम, मचता है हुड़दंग

जेएनएन, टांडा: साहब, हॉस्टलों में शराब का सेवन और हुड़दंग रोज की बात है। सप्ताह में कोई न कोई ऐसा मामला सामने आता रही रहता है। डॉक्टर की मौत का बहुत दुख हुआ। अस्पताल प्रशासन अगर समय पर चेत जाता तो शायद यह दु:खद घटना नहीं होती। यह वार्तालाप है डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा के एक हॉस्टल के बाहर खड़े दो सिक्योरिटी गार्डो का। इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि टांडा मेडिकल कॉलेज के हॉस्टलों में शराब का सेवन और हुड़दंग कोई नई बात नहीं है। लेकिन सोमवार को हुआ मामला हर किसी को झकझोरने के लिए काफी है।

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इन सिक्योरिटी गार्डो ने हालांकि अपना नाम बताने से साफ इन्कार कर दिया। लेकिन उन्होंने हॉस्टलों में रात को होने वाली गतिविधियों के जो खुलासे किए वे जरूर चौंकाने वाले हैं। इनके मुताबिक हॉस्टलों से प्रशिक्षु डॉक्टर रात को गायब हो जाते हैं। देर रात दो से ढाई बजे तक शराब पीकर हुड़दंग मचता है। टोकने पर नेताओं के नाम गिनाकर उनका रिश्तेदार होने का रौब झाड़ा जाता है। सिक्योरिटी गार्ड इससे भी डरते हैं कि कहीं तीन-चार प्रशिक्षु उनके साथ हाथापाई पर ही उतारू न हो जाएं।

अगर वे हॉस्टल का मुख्य दरवाजा बंद भी कर देते हैं तो प्रशिक्षु कई दूसरे जुगाड़ करके हॉस्टल से बाहर निकल आते हैं और फिर देर रात उसी रास्ते से वापस भी चले जाते हैं। वहीं, टांडा मेडिकल कॉलेज के सतलुज हॉस्टल में एनेस्थीसिया विभाग के पीजी डॉ. धीरज की संदिग्ध हालात में मौत व कमरे से शराब की बोतल और चिकन मिलने से यह साफ है कि सिक्योरिटी गार्ड जो भी बातें कर रहे थे वे 100 फीसद सत्य हैं।

उधर, हॉस्टल से भागकर बाइक हादसे में छात्र व छात्रा प्रशिक्षु का घायल होना। हॉस्टल के बाहर छात्रा द्वारा नशे में कार पलटा देना ऐसे कई मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। ऐसे मामलों को कैसे रोका जाए इस पर अस्पताल प्रशासन को विचार करना होगा।

हॉस्टल में हो वार्डन के रहने की व्यवस्था

टांडा मेडिकल कॉलेज में वार्डनों का हॉस्टल में रहने का रिवाज ही नहीं है। हां, सिर्फ स्कूल ऑफ नर्सिग की वार्डन जरूर छात्राओं के साथ रहती हैं। अगर अस्पताल प्रशासन वार्डनों की हॉस्टलों में रहने की व्यवस्था करते तो ऐसे हादसे बंद हो जाएंगे।

सिक्योरिटी गार्ड जो भी मामला ध्यान में लाते हैं उस पर कार्रवाई की जाती है। हां, कभी-कभार हॉस्टलों में शराब पीकर हुड़दंग मचाने के मामले सामने आते रहे हैं। हॉस्टल में प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत एक दु:खद घटना है। उनके कमरे से शराब व चिकन मिला है। हॉस्टलों की समय-समय पर जांच व सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बनाने के लिए नए सिरे से योजना बनाई जाएगी। -डॉ. भानू अवस्थी, प्राचार्य टांडा मेडिकल कॉलेज।


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