लोन से परेशान होकर डॉक्टर ने लगाया फंदा
डॉक्टर की पत्नी शीला सिंह ने पुलिस को बयान दिया है कि सितंबर में मकान बनाने के लिए पढि़यारखर गांव में जमीन खरीदी थी और इसके लिए बैंक से लोन लिया था।
बैजनाथ, जेएनएन। राजीव गांधी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल पपरोला के शारीरिक क्रिया विज्ञान के प्राध्यापक ने रविवार देर रात किराये के मकान में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण जमीन के लिए लिया गया लोन बताया जा रहा है। मृत प्राध्यापक की पहचान विनोद कुमार (51) के रूप में हुई है। वह मूल रूप से उत्तरप्रदेश के जिला बलिया के रहने वाले थे और पपरोला के बुहली कोठी में किराये के मकान में रहते थे।
विनोद कुमार ने उस समय फंदा लगाया जब उनका परिवार सामान लेने के लिए बाजार गया था। जब परिजन लौटे तो विनोद को कमरे में फंदे से लटका हुआ देखा और तुरंत आयुर्वेदिक अस्पताल पपरोला ले आए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर की पत्नी शीला सिंह ने पुलिस को बयान दिया है कि सितंबर में मकान बनाने के लिए पढि़यारखर गांव में जमीन खरीदी थी और इसके लिए बैंक से लोन लिया था। शीला सिंह के अनुसार, लोन को चुकता करने के लिए विनोद हमेशा परेशान रहते थे।
उनका इलाज कागड़ा स्थित एक निजी अस्पताल के मनोचिकित्सक के पास पिछले कुछ दिन से किया जा रहा था। शीला सिंह के अनुसार, रविवार रात वह और उनकी बेटी बाजार से कुछ सामान लेने के लिए गई थी और विनोद कमरे मे अकेले थे। जब कमरे में आकर देखा तो डॉक्टर ने फंदा लगा लिया था। उधर, डीएसपी प्रकाश चंद्र बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है और सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले के हर पहलू की जाच कर रही है। डॉक्टर विनोद काफी मिलनसार थे। उनके इस कदम से कॉलेज प्रशिक्षुओं व स्टाफ में शोक की लहर दौड़ गई है।