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मोबाइल फोन की रोशनी में जांचे मरीज

शीतकालीन राजधानी धर्मशाला का महत्वपूर्ण क्षेत्रीय चिकित्सालय की विद्युत व्यवस्था एक दिन बिजली न होने से ही हांफ गई। यूं तो हर संस्थान व प्रशासन आपदा प्रबंधन की दुहाई देता है और कई तरह के मॉकड्रिल का भी आयोजन करता है लेकिन अस्पताल में आपातकालीन समय में विद्युत आपूर्ति के इंतजाम शून्य ही साबित हुए। न तो मरीजों के टेस्ट हो सके और न ही एक्सरे व सिटी स्कैन हो सके।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 09:38 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 06:13 AM (IST)
मोबाइल फोन की रोशनी में जांचे मरीज
मोबाइल फोन की रोशनी में जांचे मरीज

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : हिमाचल की दूसरी राजधानी स्मार्ट सिटी धर्मशाला में एक दिन बिजली बाधित रहने से व्यवस्था हांफ गई। क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला में मरीजों की जांच मोबाइल फोन की रोशनी में की गई। बुधवार को न तो एक्स-रे, सिटी स्कैन हुए और न ही मरीजों के अन्य टेस्ट। कड़ाके की ठंड में मरीजों समेत डॉक्टर भी ठिठुरते रहे।

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धर्मशाला में बुधवार को मरम्मत कार्य के चलते एक दिन का लाइट कट था। इसकी जानकारी बिजली बोर्ड ने पहले ही दे दी। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन की नींद नहीं टूटी। क्षेत्रीय अस्पताल में चिकित्सक व अन्य स्टाफ अपने मोबाइल फोन की रोशनी से काम करते दिखे। कड़ाके की ठंड में मरीजों के साथ स्टाफ को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अस्पताल में हालांकि दो जेनरेटर हैं, लेकिन एक कई माह से खराब है। एक जेनरेटर से अस्पताल के आपातकालीन कक्ष व इनडोर मरीजों को लाइट की व्यवस्था की गई थी। जिस जेनरेटर से ओपीडी, एमएस व सीएमओ कार्यालय में रोशनी होनी थी वह खराब था। बताते हैं यह जेनरेटर लंबे समय से खराब है। प्रबंधन प्रबंधन के पास इसे ठीक करवाने के लिए बजट भी है, फिर भी इसे ठीक करवाने का साहस अस्पताल प्रबंधन नहीं जुटा पाया। शाहपुर निवासी सुनीता देवी ने बताया कि वह उपचार व टेस्ट करवाने आई थी, लेकिन दिन ही बर्बाद हुआ। दिनेश ने बताया कि वह दांत दिखाने आया था, डॉक्टर तो बैठा था पर लाइट कट के कारण आधुनिक उपकरण नहीं चलने से जांच नहीं हो पाई। समय और धन की ही बर्बादी हुई।

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कंप्यूटर रहे बंद, मैन्युअल बनी पर्चियां

क्षेत्रीय चिकित्सालय में बुधवार को बिजली न होने से कंप्यूटर बंद रहे। 600 मरीजों की पर्चियां मैनुअल बनाई गई। ज्यादातर मरीज अस्पताल पहुंचने के बाद मायूस होकर लौट गए। क्षेत्रीय चिकित्सालय में पहले से ही मेडिसिन व ऑर्थो विशेषज्ञों की कमी है।

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जेनरेटर खराब है, इसे ठीक करवाने के लिए परवाणू की फर्म से संपर्क साधा गया है। दो दिन में इंजीनियर आएगा। दिनभर लाइट न होने से ओपीडी में परेशानी हुई है। सभी डॉक्टर मौजूद रहे। दूसरे जेनरेटर से आपातकालीन कक्ष व अन्य जगह बिजली की व्यवस्था थी। चिकित्सकों की कमी के बारे में उच्च अधिकारियों व स्थानीय विधायक को बताया गया है।

-डॉ. दिनेश महाजन, चिकित्सा अधीक्षक क्षेत्रीय चिकित्सालय।


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