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आदर्श के आचरण से ही संस्कार सीखते हैं बच्चे

डॉ. अग्निहोत्री ने कहा कि बच्चों का अधिकतर समय उनके अध्यापकों के बीच गुजरता है। ऐसे में यह भी देखने वाली बात है कि एक अध्यापक अपने शिष्य को कितने संस्कार देता है।

By Edited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 09:55 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 01:48 PM (IST)
आदर्श के आचरण से ही संस्कार सीखते हैं बच्चे
आदर्श के आचरण से ही संस्कार सीखते हैं बच्चे

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : बच्चे युवा अवस्था में पहुंचने पर अपना आदर्श भी ढूढ़ते हैं, लेकिन सही मायने में क्या उन्हें वह आदर्श मिल पाते हैं। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। आदर्श पुरुष बनने के लिए तपस्या भी जरूरी है। मनुष्य में संस्कार उसके आचरण से भी आते हैं, लेकिन संस्कारित बनने के लिए गहन साधना की भी जरूरत है। संस्कारित बनने के लिए पढ़ाई नहीं बल्कि हमारा व्यवहार कैसा है यह जरूरी है। व्यवहार अच्छा होगा तो हमारे संस्कार भी अच्छे होंगे।

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हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री शुक्रवार को स्कॉलर इंटरनेशनल स्कूल घुरकड़ी में दैनिक जागरण द्वारा आयोजित संस्कारशाला के 7वें संस्करण के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित करने के बाद संबोधित कर रहे थे। डॉ. अग्निहोत्री ने कहा कि बच्चों का अधिकतर समय उनके अध्यापकों के बीच गुजरता है। ऐसे में यह भी देखने वाली बात है कि एक अध्यापक अपने शिष्य को कितने संस्कार देता है। बच्चे के माता-पिता भी उसे संस्कारित करने में बड़ी कड़ी हैं, परंतु अच्छे संस्कार वही अध्यापक, माता-पिता दे सकते हैं जो खुद संस्कारित हों और अपने सामाजिक दायित्वों को भी समझते हों। उन्होंने मन पर नियंत्रण पाकर संस्कारित होने की वकालत करते हुए कहा कि क्रोध, लोभ व लालच से भरा मनुष्य कभी भी संस्कारित नहीं हो सकता है। उन्होंने दैनिक जागरण की संस्कारशाला को युवा पीढ़ी के साथ समाज को संस्कारों के प्रति जागरूक करने की छेड़ी गई मुहिम के लिए आभार जताया।

मुख्य अतिथि डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने प्रथम, द्वितीय, तृतीय व सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया। दैनिक जागरण के राज्य संपादक नवनीत शर्मा ने संस्कारशाला के उद्देश्यों व इसकी कार्यविधि की जानकारी दी। जबकि दैनिक जागरण के यूनिट प्रबंधक रणदीप ¨सह ने संस्कारशाला के सफल आयोजन के लिए सबको धन्यवाद किया और इसमें भाग लेने वाले व पुरस्कृत होने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी।

कृति कपूर ने किया मंच संचालन स्कॉलर इंटरनेशनल स्कूल की अध्यापिका कृति कपूर ने सम्मान समारोह में मंच संचालन किया। उन्होंने मंच से दैनिक जागरण और संस्कारशाला के संबंध में बहुत ही सहज ढंग से सबको अवगत करवाया।

संस्कारों के प्रति जागरूक करने का संस्कारशाला एक अच्छा प्रयास संस्कारशाला दैनिक जागरण का बच्चों को उनके संस्कारों के प्रति जागरूक का एक अच्छा प्रयास है। ऐसे आयोजनों से बच्चे संस्कारों के प्रति जागरूक होते ही हैं उन्हें अच्छे-बुरे की समझ भी आती है। माता-पिता के साथ अध्यापकों का भी कर्तव्य बनता है कि वे बच्चों को अच्छे संस्कार दें, ताकि वे देश निर्माण में अच्छा योगदान दे सकें। -एचके चांद सैनी, निदेशक स्कॉलर इंटरनेशनल संस्थान घुरकड़ी

कर्तव्य के प्रति सजग होना जरूरी संस्कारशाला से बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। आधुनिकता के इस युग में युवा पीढ़ी कहीं न कहीं अपने संस्कारों से दूर होती जा रही है, लेकिन यह हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम संस्कारों के प्रति जागरूक हों और समाज सहित युवाओं को भी जागरूक करें।

-आरती शर्मा, प्रधानाचार्या स्कॉलर इंटरनेशनल स्कूल घुरकड़ी।

सरस्वती वंदना से हुआ कार्यक्रम का आगाज जागरण संस्कारशाला के मेधावी सम्मान समारोह का आगाज स्कॉलर इंटरनेशनल स्कूल की छात्राओं ने सरस्वती वंदना से किया। इस दौरान छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। देशभक्ति गीत व नृत्य को खूब सराहा गया।

 ये बोले मेधावी मशीनी युग में हमें अपने संस्कारों के प्रति जागरूक करने के लिए यह एक अच्छी पहल है। बच्चे छोटी उम्र में ही संस्कारों के प्रति जागरूक हों इस दिशा में यह कदम सराहनीय है।

-सानवी रंधावा, प्रथम, (आर्मी पब्लिक स्कूल योल), (तीसरी से पांचवीं श्रेणी)।

ऐसे आयोजन लाभदायक हैं। संस्कारशाला में बहुत कुछ सीखने को मिलता है। संस्कारों के साथ हमारे ज्ञान वृद्धि में भी आयोजन प्रशंसनीय है। -अदित गोरला, द्वितीय, (जीएवी पब्लिक स्कूल कांगड़ा), (तीसरी से पांचवीं श्रेणी)।

संस्कारित युवा समाज को भी जागरूक करता है। संस्कारों का मनुष्य के जीवन में अहम योगदान भी रहता है। इससे वह अच्छे-बुरे की पहचान करता है। -अदम्य, प्रथम, (रेनबो इंटरनेशनल स्कूल नगरोटा बगवां), (छठी से नवमीं श्रेणी)।

हमें संस्कार सीखने का मौका मिला है। अच्छी पहल के लिए दैनिक जागरण का आभार है, जिन्होंने यह प्रयास शुरू किया है। -ओजस्वी, द्वितीय, (डीएवी पब्लिक स्कूल पालमपुर), (छठी से नवमीं श्रेणी)।

सराहनीय प्रयास है। हम यह भी जान पाए कि संस्कार क्या होते हैं। इनहें हम अपने जीवन में भी अपनाएंगे। -कशिश, तृतीय, (रेनबो इंटरनेशनल स्कूल नगरोटा बगवां), (छठी से नवमीं श्रेणी)।

नई पहल है जो कि अच्छी बात है। ऐसे आयोजन में भाग लेकर बहुत खुशी हुई है। हम अपने सहपाठियों को भी जागरूक कर सकेंगे। -मान्या मरवाह, द्वितीय, (आर्मी पब्लिक स्कूल योल कैंट), (दसवीं से जमा दो श्रेणी)।

यह रहे मौजूद सम्मान समारोह में स्कॉलर इंटरनेशनल संस्थान के निदेशक एचके चांद सैनी, स्कॉलर इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या आरती शर्मा, कृति कपूर, रेनबो इंटरनेशनल स्कूल नगरोटा बगवां की निदेशक मीनाक्षी कश्यप, अध्यापिकाओं में मनीषा व अंबिका, डीएवी पालमपुर से द¨वद्री ¨सह, दैनिक जागरण के राज्य संपादक नवनीत शर्मा, यूनिट प्रबंधक रणदीप ¨सह, ब्रांड प्रबंधक अर¨वद शर्मा सहित विभिन्न स्कूलों के अध्यापक, छात्र व अभिभावक भी मौजूद रहे।

विभिन्न स्कूलों के 39 मेधावी सम्मानित जागरण संस्कारशाला के मेधावी सम्मान समारोह में विभिन्न स्कूलों के 39 मेधावियों को सम्मानित किया गया। इन सभी को दैनिक जागरण की ओर से पुरस्कार दिए गए।


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