चार वर्ष के अनुभव वाला बना दिया प्रोफेसर
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर पद की भर्ती को लेकर उठा विवाद और गंभीर हो गया है।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) के स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर पद की भर्ती को लेकर उठा विवाद और गंभीर हो गया है। भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले शिकायतकर्ता ने अब कुछ तथ्य पेश करते हुए सीयू प्रशासन को ई-मेल की है।
शिकायतकर्ता दलबीर सिंह ने लिखित शिकायत में कहा है कि जुलाई 2019 में हुई प्रोफेसर पद की भर्ती में गड़बड़ी हुई है और अपात्र व्यक्ति को सीयू प्रशासन ने पात्र घोषित कर नियुक्ति दे दी। उन्होंने लिखा है कि प्रोफेसर पद के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आवेदनकर्ता के लिए कम से कम 10 साल का शिक्षण अनुभव तय किया है, लेकिन जिस व्यक्ति की नियुक्ति की है उसके पास केवल चार साल का ही अनुभव है।
दलबीर सिंह ने बताया कि जिस व्यक्ति को प्रोफेसर पद पर नियुक्त किया है उसने वर्ष 2012 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से पीएचडी की है। जब वह पीएचडी करते थे तो एक निजी इंश्योरेंश कंपनी में बतौर ट्रेनर कार्यरत थे। पीएचडी करने के बाद पहली जुलाई 2015 को व्यक्ति ने सोलन स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य शुरू किया।
सीयू के आवेदन के लिए 10 साल के शिक्षण अनुभव का मापदंड तय है, लेकिन आवेदन के समय तक 22 जून 2019 तक व्यक्ति का अनुभव केवल चार साल का बनता है। यूजीसी ने यह बात भी स्पष्ट की है कि शिक्षण अनुभव में कोई ढील नहीं की जा सकती। ऐसे में सीयू प्रशासन ने कैसे अनुभव के मापदंड को दरकिनार कर दिया। उनका दावा है कि पेश किए गए तथ्यों की सीयू प्रशासन स्वयं जांच कर सकता है। जांच के बाद तथ्य सही पाए जाते हैं तो एक माह के भीतर उक्त प्रोफेसर को पद से हटाया जाना चाहिए।
उधर, सीयू के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने बताया कि सीयू में सभी भर्तियां नियमों के अनुसार हुई हैं। तथ्यों की जांच होगी।