पहले जैसा पांच फीसद वसूला जाए जीएसटी
कांगड़ा ठेकेदार यूनियन प्रदेश के ठेकेदारों से पहले की तरह कि
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : कांगड़ा ठेकेदार यूनियन प्रदेश के ठेकेदारों से पहले की तरह किए गए कार्यो पर पांच फीसदी जीएसटी वसूलने की मांग उठाई है। इस संबंध में बाकायदा लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता के माध्यम से यूनियन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत में ठेकेदार यूनियन के जिला अध्यक्ष कुलदीप ठाकुर ने कहा कि जीएसटी वसूली दर बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई है। पहले जो ठेकेदारों को लेबर क्रेडिट 25 फीसदी मिल रहा था, वह भी अब नहीं मिल रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि खनन को लेकर भी सरकार उचित नीति बनाए।
उनका कहना है कि एक तरफ तो जिसने खनन करना है सरकार उससे भी रॉयल्टी ले रही है, वहीं जब ठेकेदार सामग्री लेकर आते हैं तो उस पर भी रॉयल्टी वसूल की जा रही है। सरकार के दोहरी रॉयल्टी वसूलने से ठेकेदारों को नुकसान पहुंच रहा है। ठेकेदार पूरे बिल लेकर गाड़ियों में रेत व बजरी ढोने का काम करते हैं, लेकिन उस बिल की कोई अहमियत ही नहीं है और ट्रकों के 25-25 हजार रुपये चालान किए जा रहे हैं। सरकार ने अब ईपीएफ के रूप में एक नई मुसीबत ठेकेदारों पर थोंप रही है। ज्यादातर ठेकेदारों के पास स्थायी मजदूर नहीं हैं, तो ऐसे में वह किसके खाते खोलें और किसे पेमेंट देंगे। वहीं, सरकारी विभागों में स्टाफ की कमी के चलते उनके कार्यो के बिल छह-छह माह तक भी तैयार नहीं होते हैं। एक बार पेमेंट का सर्किल बिगड़ जाए तो ठेकेदार कुछ भी करने में असमर्थ हो जाता है।
सरकार से कार्य पूरा होने पर ठेकेदारों पर एक फीसदी टैक्स और अनिवार्य कर दिया है, जिससे ठेकेदारों को सीधा नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द यूनियनों की मांगों को पूरा किया जाए। इस दौरान ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
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अनिश्चितकालीन हड़ताल विकल्प
जिला अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश यूनियन के आह्वान पर 17 और 18 सितंबर को प्रदेशभर में सभी ठेकेदार कार्य बंद रखें। सरकार को ज्ञापन भी सौंपा गया है। यदि सरकार कोई फैसला नहीं लेती है तो प्रदेशभर के ठेकेदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। हड़ताल से होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी भी सरकार की होगी।