वेंटिलेटर पर अस्पताल, कैसे मिले उपचार
....................... भले ही प्रदेश सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया
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भले ही प्रदेश सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे करती है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बदहाल है। स्वास्थ्य केंद्रों की इमारतें बिना स्टाफ के लोगों का मुंह चिढ़ा रही हैं। चिकित्सा खंड कार्यालय भवारना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरा की बात करें तो यहां स्टाफ की कमी से अस्पताल खुद वेंटिलेटर है। आपातकालीन स्थिति में यहां की जनता को 11 किलोमीटर दूर सिविल अस्पताल भवारना या फिर निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
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40 हजार लोगों की सेहत का है जिम्मा
जयसिंहपुर व सुलह विधानसभा क्षेत्रों की करीब 15 पंचायतों के 40 हजार लोगों की सेहत का जिम्मा संभाले 30 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के लिए 32 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में आधे खाली हैं। स्वास्थ्य केंद्र को जून 2006 में सीएचसी का दर्जा मिला था लेकिन 14 साल बीतने के बाद भी 16 पद खाली हैं। अस्पताल की अनदेखी से क्षेत्रवासियों में सरकार के खिलाफ रोष है।
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ये पद हैं खाली
वर्तमान में सीएचसी खैरा में डॉक्टर का एक पद, फार्मासिस्ट, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के चार, स्टाफ नर्स, दो सफाई कर्मचारी, माली का एक, एक्सरे तकनीशियन, लैब तकनीशियन, लिपिक, ओटीए, दाई, रसोईया व स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के दो पद खाली हैं।
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स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ कम है और इसकी रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेजी है। सीमित स्टाफ के बावजूद बेहतर सुविधाओं समेत आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
-डॉ. मीनाक्षी गुप्ता, बीएमओ भवारना।
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विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए कदम उठाने चाहिए। सीएचसी में खाली पदों को जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए।
-दिनेश पटियाल
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आज दिन तक स्टाफ की कमी की ओर किसी ने भी ध्यान देना उचित नहीं समझा। लोगों को मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। सरकार जल्द कदम उठाए।
-सतीश कुमार
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सुजानपुर और जयसिंहपुर मार्ग पर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं और घायल लोगों के प्राथमिक उपचार का जिम्मा सीएचसी खैरा पर है। सरकार को स्टाफ की तैनाती करनी चाहिए।
-अवतार सिंह।
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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरा में स्टाफ की कमी है। इस बारे में सरकार को सूचित कर दिया है। रिक्त पद कब भरे जाएंगे, यह मामला सरकार के पास विचाराधीन है।
-डॉ. गुरदर्शन गुप्ता, सीएमओ कांगड़ा प्रस्तुति : शिवालिक नरयाल,भवारना