हर स्कूली वाहन पर अंकित होगा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर
चाइल्डलाइन की टीम जिला में सराहनीय काम कर रही है, इसीलिए हर विभाग को इन्हें सहयोग देना चाहिए।
धर्मशाला, जेएनएन। जिले के अंदर चलने वाले हर स्कूल वाहन पर भी चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 लिखा जाना जरूरी होगा। ताकि जरूरत पडऩे पर कोई भी बच्चा प्रयोग कर सके। वहीं सभी स्कूलों, होटलों, मंदिर परिसरों, आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उप स्वास्थ्य केंद्रों की दीवारों पर चाइल्ड लाइन का हेल्पलाइन नंबर अंकित करवाना होगा। यह निर्णय चाइल्डलाइन सलाहकार बोर्ड बैठक की अध्यक्षता करते उपायुक्त संदीप कुमार ने लिया और संबंधित विभागों को आदेश भी दिए। उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि बच्चे समुदाय व राष्ट्र के स्तंभ हैं।
उनका उचित विकास सुनिश्चित करने के लिए उनको पर्याप्त देखभाल और सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है। बच्चों की उचित देखभाल के लिए परिवारों का मार्गदर्शन और समर्थन करने, विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों को बच्चों के लिए प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।
चाइल्डलाइन की टीम जिला में सराहनीय काम कर रही है, इसीलिए हर विभाग को इन्हें सहयोग देना चाहिए। चाइल्डलाइन टॉल फ्री नंबर 1098 उन बच्चों को 24 घंटे सहायता प्रदान करती है जो बेसहारा, घर से भागे हुए, जो तस्करी का शिकार हों, बाल श्रम करते हों, जो खराब हालत में फंसे हों तथा जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की जरूरत हो। उपायुक्त ने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्सुअल बर्ताव पोक्सो एक्ट के दायरे में आता है। इसके तहत लड़के और लड़की दोनों को ही संरक्षण दिया गया है।
इस तरह के मामलों की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में होती है और बच्चों के साथ होने वाले अपराध के लिए उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। उपायुक्त ने कहा कि चाइल्डलाइन कांगड़ा ने सराहनीय कार्य करते हुए अब तक विभिन्न वर्गों के करीब 1650 बच्चों के मामले निपटाने में सफलता हासिल की है और बच्चों के जीवन में नयापन लाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। चाइल्डलाइन कांगड़ा के निदेशक एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्य सचिव रमेश मस्ताना ने बैठक का संचालन किया तथा जिला में चाइल्डलाइन द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारीे केएस धीमान ने बच्चों को शोषण से कैसे बचाया जाए बारे विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर उपनिदेशक पर्यटन विभाग मधु चौधरी, आरटीओ डॉ. मेजर विशाल शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक एचआरटीसी पंकज, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. चित्रा कौशल, उपनिदेशक प्रारंभिकशिक्षा दीपक किनायत, समन्वयक चाइल्डलाइन मनमोहन सिंह, बलदेव, डिंपल कटोच, पिंकू, इंद्रजीत, ललिता, सतीश व अन्य मौजूद रहे।