सरकारी मंजूरी की राह ताकते लटके चामुंडा मंदिर के विकास कार्य
सरकारी मंजूरी की राह तकते अभी भी श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के कई विकास कार्य लटके पड़े हैं। जिससे मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या तो यहां सराय भवन की
संवाद सहयोगी, योल : सरकारी मंजूरी की राह ताकते अभी भी श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के कई विकास कार्य लटके पड़े हैं। इससे श्रद्धालुओं को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या सराय भवन की है, क्योंकि एडीबी के सौजन्य से 2017-18 के दौरान से चल रहे मंदिर के सुंदरीकरण कार्य के कारण मंदिर परिसर स्थित करीब 35 कमरों के सराय भवन को गिरा दिया गया है। इसी परेशानी से निजात दिलाने के लिए बकायदा मंदिर न्यास बैठक में प्राथमिकता के तौर पर मंदिर के समीप पड़ी खाली भूमि में प्रशासनिक भवन के लिए अनुमानित 50 लाख व मंदिर की सराय के भवन के लिए अनुमानित दो करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन दो माह बीतने वाले हैं, लेकिन सरकार की मंजूरी अभी तक नहीं मिल पाई है। बेशक न्यास बैठक में बजट का प्रावधान कर लिया गया हो, लेकिन 20 लाख के अधिक बजट के विकास कार्य को करने के लिए सरकार की मंजूरी लेना अनिवार्य है। लेकिन यहां रोना इस बात का है कि कई महीनों तक फाइलें लटकी रहने से कार्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए इंतजार करना पड़ता है।
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मंदिर सराय भवन व प्रशासनिक भवन कार्य के लिए आकलन तैयार कर सरकारी मंजूरी के लिए भेज दिया गया है और जल्द ही लंगर भवन समीप खाली पड़ी जमीन की निशानदेही की जा रही है।
-सुरेश कुमार, कनिष्ठ अभियंता श्री चामुंडा मंदिर।
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श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सराय भवन का निर्माण जल्द करवाने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है।
-धर्मेश रामोत्रा, सहायक आयुक्त मंदिर एवं एसडीएम धर्मशाला।