खिलाड़ियों की राह में गरीबी की बेड़ियां
मुनीष गारिया धर्मशाला कोरोना काल के बीच खेल गतिविधियों को शुरू करने के लिए सरकार क
मुनीष गारिया, धर्मशाला
कोरोना काल के बीच खेल गतिविधियों को शुरू करने के लिए सरकार की ओर से तय किए गए नियमों को पूरा करने के लिए नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस (एनसीओई) असमर्थ है। इस कारण सेंटर के खिलाड़ियों को यहां आकर प्रेक्टिस करने के लिए कम से कम अभी एक माह और इंतजार करना होगा। सेंटर के पास मुख्य रूप से भवन की कमी है।
सरकार ने धर्मशाला में साई हास्टल फिलहाल के लिए बंद कर सेंटर आफ एक्सीलेंस बना दिया है। सेंटर में विभिन्न राज्यों के नेशनल लेवल के खिलाड़ियों को प्रवेश दिया गया है। कोरोना के कारण सेंटर मार्च से बंद है। ऐसे में कोच खिलाड़ियों आनलाइन ही प्रशिक्षण दे रहे हैं। देश के अन्य राज्यों में खेल प्रशिक्षण केंद्र खोल दिए हैं, लेकिन धर्मशाला सेंटर अभी तक बंद है।
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क्या हैं नए नियम
-घर से आने के बाद सात दिन तक खिलाड़ियों को अपने कमरे में क्वारंटाइन रहना पड़ेगा।
-एक खिलाड़ी के लिए एक कमरा होना चाहिए, जबकि बाथरूम अटैच हो।
-खिलाड़ियों को सेंटर से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा।
-सेंटर परिसर को ग्रीन, रेड और येलो जोन में बांटा जाएगा। सेंटर में कार्यरत कर्मचारी रेड जोन में रखे जाएंगे। खिलाड़ियों को खाना बनाने वाला स्टाफ येलो जोन में रखे जाएगा। इस अवधि में जोन का स्टाफ खिलाड़ियों से नहीं मिल सकता। केवल कोच व खिलाड़ी ग्रीन जोन में होंगे।
-सेंटर के कोच परिसर से बाहर नहीं जाएंगे। परिसर में भी उन्हें केवल ग्रीन जोन में रहना पड़ेगा।
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कहां फंस रहा पेंच
-एनसीओई धर्मशाला में कबड्डी, वालीबाल, एथलेटिक्स व खो-खो के 65 से 70 खिलाड़ी हैं। कबड्डी के 28, वालीबाल के 20, एथलेटिक्स 5 व खो-खो के 20 हैं। सेंटर में आवास की कमी है। यहां एक कमरे में दो खिलाड़ी रखने के बाद 70 खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था है। यानी सेंटर प्रशासन के पास 35 कमरे हैं। इनमें से कुछ कमरे ऐसे हैं, जहां दो तीन कमरों के लिए एक ज्वाइंट बाथरूम की व्यवस्था है।
-सेंटर में कोचों को रखने के लिए कमरे ही नहीं हैं।
-ग्राउंड फ्लोर में स्टाफ काम करता है। ऐसे में सेंटर परिसर को जोन में बांटना संभव नहीं है।
-सेंटर में केवल वालीबाल खिलाड़ियों के लिए परिसर के भीतर अभ्यास की व्यवस्था है। शेष कबड्डी, खो-खो व एथलेटिक्स के खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए परिसर से बाहर जाना ही पड़ता है।
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सेंटर प्रशासन की योजना
खिलाड़ियों का प्रशिक्षण प्रभावित न हो, इसके लिए एनसीओई प्रशासन ने प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इसमें दो चरणों में खिलाड़ियों को बुलाने की योजना है। पहले चरण में सीनियर खिलाड़ियों को बुलाया जाएगा। इसमें नेशनल मेडलिस्ट या इंटरनेशनल पार्टिस्पेशन के खिलाड़ी होंगे। बाद में जूनियर वर्ग के खिलाड़ियों को बुलाया जाएगा। ऐसे में एक खिलाड़ी एक कमरा के हिसाब से व्यवस्था हो सकती है।
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भवन की कमी से सेंटर नहीं खुल पा रहा है। प्रदेश सरकार से चर्चा करने व स्वीकृति मिलने के बाद उम्मीद है कि नवंबर अंत तक सेंटर में खिलाड़ियों को बुलाया जाएगा।
-प्रीतम चौहान, मुख्य अधिशाषी अधिकारी, सेंटर आफ एक्सीलेंस, धर्मशाला