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सरकार! इंसाफ दिलाओ या दे दो हमें जहर

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : नूरपुर बस हादसे में बच्चों को खोने वाले परिजन आज भी न्याय के लि

By Edited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 11:22 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 11:22 PM (IST)
सरकार! इंसाफ दिलाओ या दे दो हमें जहर
सरकार! इंसाफ दिलाओ या दे दो हमें जहर
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : नूरपुर बस हादसे में बच्चों को खोने वाले परिजन आज भी न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। अब परिजनों ने सरकार से मांग की है कि या तो उन्हें न्याय दिला दो या फिर जहर देकर खुद ही मार दो। पांच माह में एक चार्जशीट भी तैयार न कर पाने वाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग उठाई है। मंगलवार को समाजसेवी संजय शर्मा के नेतृत्व में हादसे में बच्चों को खोने वाले परिजनों विक्रम सिंह, अजय सिंह, कर्म सिंह, हंसराज, जसविंद्र सिंह, राजेश, नरेश, मनोज, रघुवीर, राघव व सुधीर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हादसे की सीबीआइ जाच के लिए वह पीएम को पत्र लिख चुके हैं और सीएम से मिल चुके हैं। साथ ही प्रदेश हाईकोर्ट भी जा चुके हैं। सीएम को भेजे पत्र का स्थानीय युवक मंडल को जवाब आया था कि कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह फिर से शिमला जाकर सीएम से मिलेंगे तथा माग करेंगे कि इंसाफ दिलाया जाए। उनका कहना है कि पुलिस सिर्फ छोटे-मोटे चरस और खनन माफिया के पीछे लगी हुई है और खुद को व्यस्त बता रही है। इसके विपरीत इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद इस पर लीपापोती की जा रही है। विक्रम सिंह ने कहा कि वह और अन्य अभिभावक प्रदेश हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट के आदेश पर एक अधिकारी ने गाव का दौरा किया, लेकिन वे घर नहीं आए। परिजनों का आरोप है पांच माह बीतने के बाद भी प्रशासन ने आज दिन तक घटना के कारणों की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। जब प्रमाण देने की बात की जाती है कि टालमटोल करते हैं। उधर पुलिस अधीक्षक संतोष पटियाल ने बताया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की गई है। ...................... यह था मामला 10 अप्रैल को हुआ था हादसा। नूरपुर के निजी स्कूल बजीर राम सिंह पठानिया की बस 10 अप्रैल को छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। इस दौरान चेली गाव में गाड़ी अनियंत्रित होकर 400 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी। हादसे में 24 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी।

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