प्रधानमंत्री आवास योजना से सपनों को आकार
संवाद सूत्र ज्वालामुखी आर्थिक तंगी के कारण सिर ढकने के लिए दो कमरों से वंचित रहने वाल
प्रवीण कुमार शर्मा, ज्वालामुखी
आर्थिक तंगी के कारण सिर ढकने के लिए दो कमरों से वंचित रहने वाले परिवारों के सपनों को प्रधानमंत्री आवास योजना आकार दे रही है। इस योजना से ऐसे परिवारों को आशियाने की उम्मीद बंधी है जिन्होंने गरीबी के आगे बेबस होकर आस छोड़ रखी थी। नगर परिषद ज्वालामुखी में इस योजना के शुरू होने के बाद तीन साल में 89 मकान स्वीकृत हुए हैं। 32 लोगों ने तो नए मकानों में रहना भी शुरू कर दिया है और शेष को मकान स्वीकृत होने संबंधी पत्र भेजकर जल्द से जल्द कार्य शुरू करने के आदेश दिए हैं।
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क्या हैं नियम
10,000 रुपये से कम मासिक आय वाले आवासहीन परिवारों को इस योजना में लाभ दिया जा रहा है। योजना में पात्र बनने के लिए परिवार से अलग होने वालों को इसमें लाभ नहीं मिलेगा। यदि उन्हें लाभ लेना हो तो परिवार से अलग होने का विवरण और वर्तमान में जिस मकान में रह रहे हैं उसकी फोटो केंद्रीय एजेंसी को भेजनी होगी।
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नगर परिषद में स्वीकृत मकान
वार्ड नंबर स्वीकृत मकान
1,21
2,5
3,10
4,23
5,6
6,13
7,11
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निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए वरदान बनी है। तीन साल में 89 मकान स्वीकृत हए हैं, जबकि सात और परिवारों के नाम स्वीकृति के लिए भेजे हैं। मकान बनाने के लिए पहली किस्त नींव भरने के बाद जारी होती है। इसके बाद एक लाख 65 हजार रुपये किस्तों में ही दिए जाते हैं।
-कंचन बाला, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद ज्वालामुखी
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हर गरीब और जरूरतमंद परिवार को इस योजना के तहत लाभ देने के लिए प्रयास किया है। फिर भी जो परिवार रह गए होंगे, उन्हें भी मकान के लिए बजट मंजूर करवाने का प्रयास रहेगा।
-भावना सूद, अध्यक्ष नगर परिषद ज्वालामुखी
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यह योजना नहीं होती तो कभी भी मेरा मकान नहीं बन पाता। मकान बनाने के लिए स्वीकृति पत्र मिल चुका है। जल्द निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
-अनीता देवी
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165000 की सहायता राशि गरीब परिवारों के लिए भगवान के वरदान के समान है। सरकार ने इस योजना से दर्शाया है कि उसे आम आदमी की भी फिक्र है।
-वीना देवी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व स्थानीय नगर परिषद का धन्यवाद, जिनके सहयोग से मेरा मकान बनने का सपना साकार हो रहा है। यह बहुत अच्छी सुविधा है और इसका लाभ जरूरतमंदों को मिल रहा है।
-ज्ञान चंद
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इस योजना से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सहारा मिला है। जिन लोगों को जीवन में कभी भी अपना मकान बनाने की उम्मीद नहीं थी, उनके मकान अब बन रहे हैं।
-जसवंत सिंह