आज पेश होगा नगर निगम धर्मशाला का वार्षिक बजट, नए क्षेत्रों को प्राथमिकता की उम्मीद
नगर निगम के वार्षिक बजट को लेकर शहर के लोगों ने दैनिक जागरण से जो कुछ कहा, वह पेश है पाठकों के लिए।
धर्मशाला, राजेंद्र डोगरा। नगर निगम धर्मशाला मंगलवार 27 फरवरी को वार्षिक बजट पेश करेगा। बैठक महापौर रजनी की अध्यक्षता में होगी। इसमें तमाम विकास कार्यों पर मंथन किया जाएगा। बैठक में पेश होने वाले बजट में नए क्षेत्रों को अधिक प्राथमिकता दिए जाने की उम्मीद है, क्योंकि अभी तक नए क्षेत्रों में केवल स्ट्रीट लाइट सुविधा ही मयस्सर हो पाई है। एमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुखदेव सिंह के मुताबिक सुबह 11 बजे वार्षिक बजट बैठक शुरू होगी, जिसमें नगर निगम का वार्षिक बजट पेश किया जाएगा। वहीं, एमसी के उप महापौर देविंद्र जग्गी के मुताबिक बैठक में सवा करोड़ के करीब वार्षिक बजट पेश हो सकता है। बैठक में शहर के विकास कार्यों को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी।
धर्मशाला नगर निगम का वार्षिक बजट मंगलवार को पेश होने वाला है। शहर के कुछ लोगों को नए विकास कार्यों की उम्मीद है तो कुछ लोग नगर निगम से नाउम्मीद हैं। कइयों का तो यहां तक कहना है कि नगर निगम ने उनके वार्ड में आज तक कोई विकास कार्य नहीं किया, इसलिए उनको बजट से कोई सरोकार नहीं। हालांकि अधिकतर लोग मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए कदम उठाए जाने को लेकर आशान्वित हैं।
नगरवासी चाहते हैं कि रुके हुए विकास कार्य जल्द शुरू हों। साथ ही सफाई व्यवस्था की बेहतरी के लिए भी कुछ किए जाना आवश्यक है। कुछ लोग चाहते हैं कि नगर निगम के पास खेल मैदान भी होना चाहिए तो कुछ कंकरीट कार्य को लेकर चिंतित हैं। उनका तर्क है कि कंकरीट के रास्ते भूजल रिचार्ज नहीं होने देते हैं तथा इससे सारा पानी बह जाता है। नगर निगम के वार्षिक बजट को लेकर शहर के लोगों ने दैनिक जागरण से जो कुछ कहा, वह पेश है पाठकों के लिए।
नगर निगम जो भी रास्ते बनाए, उनमें से अग्निशमन वाहन व एंबुलेंस गुजर सके। इसके लिए व्यवस्था की जानी चाहिए। मौजूदा समय में अधिकांश गलियां व रास्ते इतने तंग हैं कि वहां से अग्निशमन वाहन व एंबुलेंस गुजर ही नहीं पाते हैं। कंकरीट के रास्तों से भी परहेज किया जाए, क्योंकि इससे बारिश का पानी सीधे बह जाता।
-अनिल कुमार डोगरा, निवासी वार्ड नंबर छह।
बजट में पहले की तरह कूड़े को डोर-टू-डोर एकत्र किए जाने का प्रावधान किया जाना चाहिए। एक वार्ड में कम से कम तीन से चार कूड़ेदानों की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि लोगों को कूड़ा फेंकने में असुविधा न हो। साथ ही जितनी भी मूलभूत सुविधाएं होती हैं, वे भी नगर के बाशिंदों को मिलनी चाहिए।
-रोहित, निवासी वार्ड नंबर छह।
वार्षिक बजट में शहर के लिए बेहतर खेल मैदान का प्रावधान किया जाना चाहिए, ताकि नई पौध खेलों का अभ्यास कर सके। नई सरकार आने से नगर निगम में भी नए विकास कार्य होने की उम्मीद जगी है। इसके अलावा नगर निगम क्षेत्र में सभी जरूरी सुिवधाएं प्रदान की जानी चाहिए।
-अतुल भारद्वाज, निवासी वार्ड दस।
नगर निगम क्षेत्र में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था
नहीं है। नगर निगम को बजट में पेयजल व्यवस्था की बेहतरी के लिए कदम उठाने चाहिए। पेयजल व्यवस्था सुचारू होना जरूरी है, ताकि लोगों को परेशानी न हो। लोगों की मूलभूत सुविधाओं में पेयजल सबसे अहम है, जो कि रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करता है।
-जितेंद्र बैंस, निवासी वार्ड नंबर नौ।
बिजली की आंख मिचौनी बंद होनी चाहिए और 24 घंटे बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से मुहैया करवाई जाए। इसके अलावा रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए निश्चित स्थान होना चाहिए। जिन किरायेदारों या लीज पर दी दुकानों के मालिकों से वसूली नहीं आ रही है, उनसे भी बातचीत कर रिकवरी की जाए।
-प्रशांत बंसल, निवासी वार्ड आठ।
नगर निगम बनने के बाद कई बजट बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन हमारे वार्ड में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ है। इससे बहुत दुख होता है। इसलिए नगर निगम के वार्षिक बजट में कुछ नया होगा, इसकी उम्मीद कम ही है। इसलिए इससे वार्ड के लोगों को कोई सरोकार नहीं है।
-अरविंद रकवाल, निवासी वार्ड सात।