बारिश के बाद खरपतवार का करें नाश
बुधवार को हुई बारिश और पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी ने ठंडक तो बढ़ा दी लेकिन इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
जागरण संवाददाता, पालमपुर : प्रदेश में बुधवार को हुई बारिश और पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी ने ठंडक बढ़ा दी लेकिन इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। गेहूं की फसल के लिए यह बारिश बेहतरीन है। जहां गेहूं की बिजाई को एक माह हो चुका है वहां खरपतवार नाश के लिए दवा स्प्रे की जरूरत पड़ती है। स्प्रे से पहले जमीन में नमी होना जरूरी है। बारिश से जमीन में नमी आई है। किसानों को अब खरपतवार के नाश के लिए कार्य करना आरंभ कर देना चाहिए। जिन क्षेत्रों में ¨सचाई सुविधा नहीं है, वहां अब गेहूं की बिजाई के लिए पर्याप्त नमी जमीन में हो चुकी है। अगर बारिश जारी रहती है तो इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
दूसरी ओर जिस जगह आलू की बिजाई का काम चल रहा है या होना है, वहां भी खेत तैयार करने के लिए नमी अधिक होगी। इसका लाभ आलू की बिजाई में मिलेगा। इसी तरह सब्जियों में भी किसान खरपतवार आदि निकाल सकते हैं। जिले में करीब 80 फीसद किसानों ने गेहूं की बिजाई कर ली है। क्षेत्र का केवल 20 फीसद भाग ही ¨सचाई से जुड़ा है। इससे पहले नवंबर में भी 20 से 25 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी, जिसका खेती के लिए काफी लाभ मिला था। कुल 9.14 लाख किसान खेतीबाड़ी से जुडे हैं। अकेले 94 हजार हेक्टेयर कांगड़ा में ही गेहूं की फसल की बिजाई की जाती है। गेहूं के फसल बीजने के एक माह बाद खरपतवार के नाश के लिए स्प्रे करना जरूरी होता है। स्प्रे से पहले जमीन को नमी की जरूरत होती है, जिसके लिए ¨सचाई करनी पड़ती है। ठीक समय पर हुई हल्की बारिश ने जमीन में नमी की मात्रा बढ़ा दी है। इससे खरपतवार के नाश में किसानों को लाभ मिलेगा, वहीं फसल को भी जमीन से पोषक तत्व अधिक मात्रा में मिलेंगे। -----------------
यह बारिश बिल्कुल सही समय पर हुई है। इससे जमीन को अधिक मात्रा में नमी मिली है। किसानों को गेहूं से खरपतवार नाश के लिए अब कार्य आरंभ कर देना चाहिए।
एनके धीमान, उपनिदेशक, कृषि विभाग