मौसम का कहर: मारंडा में हुआ हादसा, दो घंटे बाधित रहा राष्ट्रीय राजमार्ग
रविवार को रेलवे गेस्ट हाउस मारंडा के सामने बड़ा पेड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिर गया। इस दौरान सड़क किनारे पैदल जा रहे मां-बेटा पेड़ की चपेट में आकर घायल हो गए।
पालमपुर, जेएनएन। पालमपुर क्षेत्र में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। क्षेत्र में अबतक कई स्लेटपोश मकान जमींदोज हो चुके हैं तो आइपीएच विभाग व पीडब्ल्यूडी को भी लाखों की चपत लग चुकी है। रविवार को मारंडा में पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग-154 पर पेड़ गिरने से मां-बेटा घायल हो गए। सिविल अस्पताल पालमपुर में प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा रेफर कर दिया है। इस दौरान दो घंटे यातायात बाधित रहा और वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
रविवार 11.30 बजे रेलवे गेस्ट हाउस मारंडा के सामने बड़ा पेड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिर गया। इस दौरान सड़क किनारे पैदल जा रहे मां-बेटा (रोड़ी खलेट निवासी मंजू व 11 वर्षीय रितेश) पेड़ की चपेट में आकर घायल हो गए। मंजू को गंभीर चोटें आई हैं। सिविल अस्पताल पालमपुर में प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को टांडा अस्पताल रेफर कर दिया है। साथ ही पेड़ गिरने से विद्युत विभाग की मेन लाइन भी टूटकर सड़क पर आ गिरी और क्षेत्र में बिजली गुल हो गई। साथ यातायात बाधित होने से राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गईं। परौर से आने वाले वाहनों को वाया मैंझा पालमपुर पहुंचाया गया। डीएसपी विकास धीमान ने हादसे में मां-बेटे के घायल होने की पुष्टि की है।
लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री से उठाया था पेड़ों का मामला
क्षेत्रवासियों ने कुछ दिन पहले राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे लगे पेड़ों को हटाने का मामला स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार से उठाया था। मंत्री के समक्ष प्रशासन व विभागों ने टीम गठित करने का आश्वासन दिया था पर आजतक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। उधर, एसडीएम पंकज शर्मा ने बताया कि इस बाबत वन मंडल अधिकारी ही जानकारी दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जाएगी।
डीएफओ बीएस यादव ने कहा कि कमेटी का गठन कर पेड़ों को काटा जाएगा। उधर, मूसलधार बारिश से पंचरुखी की चन्द्रोपा पंचायत में स्लेटपोश मकान जमीदोंज हो गया। पंचायत उपप्रधान संजय शर्मा ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया है और पटवारी को नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं। मकान कमलेश कुमार का था। गनीमत रही कि धीरे-धीरे गिरे मकान की आवाज सुनकर परिजन बाहर निकल आए अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। उपप्रधान के अनुसार, पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की गुहार लगाई है।