किसके सिर सजेगा अध्यक्ष पद का ताज, संशय बरकरार
निकाय चुनाव बेशक पार्टी चिह्न पर नहीं हुए हैं परंतु नगर परिषद डलहौजी में भाजपा मंडल डलहौजी की संतुति के बाद प्रदेशाध्यक्ष की स्वीकृति से नौ वार्डो से भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा।
संवाद सहयोगी, डलहौजी : निकाय चुनाव बेशक पार्टी चिह्न पर नहीं हुए हैं परंतु नगर परिषद डलहौजी में भाजपा मंडल डलहौजी की संतुति के बाद प्रदेशाध्यक्ष की स्वीकृति से नौ वार्डो से भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। इनमें से चार प्रत्याशियों ने जीत हासिल की, वहीं नगर परिषद डलहौजी के निवर्तमान अध्यक्ष एवं प्रदेश योजना बोर्ड के सदस्य मनोज चड्ढा ने भी नौ वार्डो से अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे। मनोज चड्ढा के समर्थक प्रत्याशियों में से भी चार प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है जबकि पार्षद के एक पद पर कांग्रेस समर्थित ने जीत दर्ज की है।
इन आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो नगर परिषद डलहौजी के अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित अध्यक्ष पद के लिए किसी भी ग्रुप को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है परंतु राजनीतिक समीकरणों की समीक्षा करें तो यह बात सामने आती है कि भाजपा के अधिकृत चार प्रत्याशियों व मनोज चड्ढा के समर्थक जीते हुए चार प्रत्याशियों का कुल आंकड़ा आठ बैठता है। ऐसे में भाजपा के अधिकृत व मनोज चड्ढा के समर्थक चार-चार पार्षदों को भाजपा आलाकमान हस्तक्षेप कर एकजुट करने का हरसंभव प्रयास करेगी ताकि नगर परिषद डलहौजी के अध्यक्ष पद पर भाजपा समर्थक पार्षद की ताजपोशी हो। अन्यथा एकजुटता न होने की सूरत में नौ वार्डो वाली नगर परिषद डलहौजी की सरदारी डलहौजी से पार्षद बनी कांग्रेस समर्थक को मिलने की बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि नौ में से आठ वार्डो में जीत के चलते भाजपा संगठन किसी भी सूरत में अध्यक्ष पद को नहीं खोना चाहेगा और समर्थित जीते हुए प्रत्याशियों व मनोज चड्ढा के समर्थक जीते हुए प्रत्याशियों के बीच आपसी तालमेल बिठाने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
मालूम हो कि नगर परिषद डलहौजी के वार्ड नंबर-एक, वार्ड नंबर-छह, वार्ड नंबर-आठ व वार्ड नंबर-नौ से अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला पार्षद बनी हैं। उक्त चुनी गई चारों पार्षदों में से तीन भाजपा समर्थक पार्षद गिनी जा रही हैं जबकि एक पार्षद कांग्रेस समर्थक है। अनुसूचित जनजाति वर्ग की उक्त चारों ही पार्षद अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं। अब देखना यह है कि भाजपा आलाकमान का हस्तक्षेप काम करता है या नहीं, या फिर कांग्रेस समर्थक पार्षद के सिर नगर परिषद डलहौजी के अध्यक्ष के पद का ताज सजता है। बहरहाल डलहौजी में अध्यक्ष पद पर कौन काबिज होगा, इस पर अभी तक संशय बरकरार है।