Move to Jagran APP

बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या के आगे छोटे पड़ रहे गोसदन

जिला चंबा में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 07:18 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 07:18 AM (IST)
बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या के आगे छोटे पड़ रहे गोसदन
बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या के आगे छोटे पड़ रहे गोसदन

मिथुन ठाकुर, चंबा

loksabha election banner

जिला चंबा में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। ये पशु जहां दिन के समय सड़कों पर स्पीड ब्रेकर का कार्य कर रहे हैं, वहीं शाम के समय खेतों में घुसकर फसलों को भी चट कर रहे हैं।

इन पशुओं के संरक्षण के लिए अभी तक पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा सके हैं। इस कारण जहां बेसहारा पशु लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं, वहीं ठंड से ठिठुरने को भी मजबूर हैं।

जिला चंबा में वर्तमान समय में छह गोसदन चल रहे हैं। इनमें करीब 173 गायों को रखा गया है। जिला मुख्यालय चंबा में दो गोसदन चल रहे हैं। इसके अलावा उपमंडल भरमौर, डलहौजी तथा भटियात में भी गोसदन चल रहे हैं। इनमें से नैनीखड्ड के समीप ठाने नाला में सर्वाधिक करीब 60 गायों को संरक्षण प्रदान किया गया है लेकिन मात्र छह गोसदनों से जिलाभर में बेसहारा हुए पशुओं को संरक्षण प्रदान करना ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। हालांकि उपमंडल सलूणी की पंचायत मंजीर में गोसदन का निर्माण शुरू किया गया है। इसमें करीब दो सौ से ढाई सौ गायों को संरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसमें चारे की व्यवस्था सहित देखरेख के लिए हर सुविधा मौजूद रहेगी।

---------

बेसहारा पशुओं की समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाना जरूरी हो गया है। ये मौका पाते ही खेतों में घुस जाते हैं तथा फसलों को उजाड़देते हैं, इसलिए प्रशासन को इस संबंध में पुख्ता कदम उठाने की जरूरत है।

-मनु ठाकुर, किसान।

--------

जिला चंबा के साहो क्षेत्र में बेसहारा पशुओं की तादाद बढ़ती जा रही है। इनके संरक्षण के लिए लिए समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों तथा प्रशासन को पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है।

-सुरिद्र कुमार, किसान।

---------

जो लोग पशुओं को बेसहारा छोड़ रहे हैं, उनके खिलाफ पुख्ता कार्रवाई की जाए। ऐसा न होने पर यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा, जिससे किसानों को अपनी फसलों को बचाना काफी मुश्किल हो जाएगा।

-संजू शर्मा, किसान।

------

वर्तमान समय में सर्दी का मौसम चल रहा है, जिस कारण बेसहारा पशु ठंड से ठिठुरने को मजबूर हैं। इनके संरक्षण के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाने की जरूरत है। इसके लिए कुछ टीमें भी गठित किए जाने की जरूरत हैं, जोकि पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों पर कार्रवाई कर सकें।

-मुकेश शर्मा, किसान।

-----

जिला चंबा में बेसहारा पशुओं के संरक्षण के लिए मंजीर में गोसदन का निर्माण करवाया जा रहा है। इसके अलावा पंचायत स्तर पर गोसदनों को चालू करने के लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है। लोगों से अपील है कि पशुओं को लावारिस न छोड़ें।

-डीसी राणा, उपायुक्त चंबा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.