टूरिज्म से होना चाहिए गांवों का विकास : अनुभव
केरल रिस्पॉंसिबल टूरिज्म मिशन की ओर से आयोजित वेबिनार में नॉट ऑन
संवाद सहयोगी, चंबा : केरल रिस्पॉंसिबल टूरिज्म मिशन की ओर से आयोजित वेबिनार में नॉट ऑन मैप संस्था ने रिस्पॉंसिबल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सुझाव दिए। वेबिनार का संचालन केरल आरटी मिशन के राज्य समन्वयक रुपेश कुमार ने किया।
संस्था के संस्थापक अनुभव ने कहा कि एशिया का सबसे स्वच्छ गांव मेघालय का मावल्यान्नांग गांव है। यह 15 वर्ष से लगातार सबसे स्वच्छ गांव बना हुआ है। इससे सीख लेते हुए दूसरे स्थान पर इस तरह का कोई दूसरा गांव नहीं बना सके हैं। उन्होंने कहा कि स्थायी जिम्मेदार पर्यटन को लेकर नॉट ऑन मैप ने पूरे देश में मुहिम छेड़ी है। पूरे देश में स्थायी जिम्मेदार पर्यटन के ईको सिस्टम को स्थापित किया जाएगा। इसकी शुरुआत चंबा के चमीनू व खजियार में स्थित मिस्टिक विलेज से की गई है। टूरिज्म एक ऐसा माध्यम होगा, जिससे गांव का विकास होगा। टूरिज्म का मतलब टूरिस्ट के घूमने से नहीं बल्कि जिस स्थान पर टूरिस्ट घूमता है वहां के लोगों के साथ मिलेगा। टूरिस्ट महिला सशक्तीकरण सहित अन्य मुद्दों पर ग्रामीणों को जागरूक करेगा। वह ग्रामीणों को कुछ सीख देकर जाएगा और उनसे कुछ सीख लेकर जाएगा। अध्यापकों व बच्चों से बात करेगा। इससे गांव के विकास को नई दिशा मिलेगी। टूरिज्म का मकसद पूरे गांव को स्थायी जिम्मेदार गांव बनाना है। ऐसा होता है तो गांव-गांव से पर्यटक जुड़ेंगे। इससे गांव आर्थिक तौर पर संपन्न बनेगा और अपनी संस्कृति, सभ्यता व उत्पादों को नई पहचान दिलाने व बचाने का कार्य करेगा। इसकी मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के निदेशक (स्किल) डा. मनोज कुमार सिंह ने सराहना की। वेबिनार में केरल टूरिज्म के निदेशक आइएएस पी बाला किरण, अरुणाचल प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के सलाहकार राज बासू, आइसीआरटी की फाउंडिग सदस्य मनीषा पांडे आदि मौजूद थे।