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फिर टूटे चौरासी मंदिर में दानपात्र

भरमौर मुख्यालय स्थित चौरासी मंदिर परिसर में स्थापित दो दान पात्रों के तालों को तोड़ने की घटना सामने आई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 06:28 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 06:28 AM (IST)
फिर टूटे चौरासी मंदिर में दानपात्र
फिर टूटे चौरासी मंदिर में दानपात्र

संवाद सहयोगी, भरमौर : उपमंडल भरमौर में मुख्यालय स्थित चौरासी मंदिर परिसर में स्थापित दो दानपात्रों के तालों को तोड़ने की घटना सामने आई है। शनिवार सुबह जब घटना का पता चला तो अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर पृथीपाल ¨सह ने पुलिस व नायब तहसीलदार को मामले की जांच के निर्देश दिए। पुलिस ने छानबीन में पाया कि दानपात्र के ताले खुले पड़े थे व उसमें श्रद्धालुओं द्वारा भेंट की गई राशि नहीं थी।

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थाना प्रभारी नितिन चौहान ने बताया कि पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों व स्थानीय लोगों से पूछताछ कर यह बात सामने आई है कि दानपात्रों के ताले कई दिन से खुले पड़े थे। जिस बारे में न्यास के सदस्यों व राजस्व विभाग को भी बताया गया था। उन्होंने बताया कि ताले खुले होने के कारण वहां खेल रहे बच्चे भी टटोलते रहते हैं। पुलिस ने इस संदर्भ में कोई मामला दर्ज नहीं किया है। चोरी की राशि का नहीं कोई अनुमान

दानपात्रों को तोड़ने की यह पहली घटना नहीं है। अब तक करीब छह बार दानपात्रों को तोड़ने की घटना को अंजाम दिया जा चुका है। इसमें करीब 12 दानपात्र तोड़े जा चुके हैं। परिसर में अभी भी कई पुराने टूटे दानपात्र रखे देखे जा सकते हैं। दानपात्र में से कितनी राशि चोरी हुई है, यह तो अभी पता नहीं चला है। लोगों ने न्यास की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

न्यास ने इन दानपात्रों को अंतिम बार मणिमहेश यात्रा के तुरंत बाद खोला था। करीब चार माह तक इन्हें नहीं खोला गया था। दानपात्रों को तोड़ने व छेड़छाड़ की घटनाओं ने मणिमहेश न्यास की कार्यप्रणाली को सीधे तौर पर कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। वहीं, पुलिस की पड़ताल के बाद आई जानकारी से न्यास की लापरवाही खुलकर सामने आई है। लोगों का कहना है कि मणिमहेश न्यास ने फिजूलखर्ची के तौर पर लाखों रुपये खर्च कर दिए हैं। जबकि, इतने धन से न्यास कुछ सुरक्षा अथवा चौकीदार नियुक्त कर सकता था। न्यास अब तक अपना स्टाफ तक तैनात नहीं कर पाया है। लोगों का कहना है कि आखिर न्यास कब तक मणिमहेश यात्रा के लाभ तक सीमित रहेगा। इस संबंध में पड़ताल सीमित नहीं रहेगी। यह गंभीर मुद्दा है, जिस पर चौरासी परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज के अलावा अन्य लोगों से भी पूछताछ की जाएगी। ताले खुले रह गए या टूटे हैं, इसकी रिपोर्ट पुलिस से मांगी गई है।

पृथीपाल ¨सह, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर। मणिमहेश न्यास यात्रा के बाद इन दानपात्रों से राशि निकाली गई थी। इसके बाद यहां ताला लगा दिया गया था। उनके पास ताले टूटने संबंधी कोई जानकारी नहीं थी।

फकीर चंद, नायब तहसीलदार भरमौर


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