टेली काउंसलिंग से दूर हो रहा परीक्षार्थियों का डर, निशुल्क मिल रही है सुविधा
CBSE Board Examination परीक्षार्थियों में बोर्ड परीक्षा का डर दूर करने के लिए सीबीएसइ की ओर से निशुल्क मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की जा रही है ये सुविधा 30 मार्च तक मिलेगी।
चंबा, सुरेश ठाकुर। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसइ) की बोर्ड परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों का टेली काउंसलिंग के माध्यम से परीक्षा का डर दूर किया जा रहा है। टेली काउंसलिंग में विद्यार्थियों की ओर से सवाल पूछे जा रहे हैं। परीक्षा के दबाव को कम करने के लिए शुरू की गई इस सुविधा के लिए प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। स्कूल भी अपने स्तर पर परीक्षार्थियों की काउंसलिंग करवा रहे हैं, जिससे वे बिना दबाव के परीक्षाएं दे सकें।
सीबीएसइ की ओर से शुरू की गई निशुल्क मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग 30 मार्च तक चलेगी। बोर्ड ऑडियो-वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों की काउंसलिंग कर रहा है। लाइव टेली काउंसलिंग के जरिए सुबह आठ बजे से रात 10 बजे तक विद्यार्थियों के साथ ही अभिभावकों के प्रश्नों का जवाब दिया जाता है। बोर्ड ने इस बार हर विषय के शिक्षकों को टीम में शामिल किया है।
जिस विषय में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, उसमें शिक्षकों की संख्या भी अधिक है। पहली बार वोकेशनल कोर्स के लिए भी काउंसलिंग की जाएगी। बोर्ड ने इस बार परीक्षार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों को भी मौका दिया है, क्योंकि कई बार अभिभावक भी बोर्ड परीक्षा को लेकर दबाव में रहते हैं। इस बार मनोवैज्ञानिक और समाजशास्त्र की अलग से टीम बनाई गई है। इसमें स्कूल काउंसिलर को शामिल किया गया है।
स्कूल भी करा रहे काउंसलिंग
बोर्ड की टेली काउंसलिंग के साथ ही कुछ स्कूलों में भी परीक्षार्थियों की काउंसलिंग के लिए काउंसलर रखे गए हैं। शिक्षकों से भी परीक्षार्थी अपनी शंकाएं और समस्या का समाधान पूछ रहे हैं। विद्यार्थियों की ओर से सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न ’ परीक्षा से पहले मैं नर्वस ज्यादा हो रहा हूं।
क्या करूं?
- स्कूल टेस्ट में मुझसे ज्यादा मेरे दोस्त के नंबर आए हैं, मैं कैसे कवर करूं?
- हमसे सिर्फ पढ़ने को कहा जाता है, 24 घंटे कैसे पढ़ सकते हैं?
- सब कहते हैं कि रात में नींद पूरी करो, लेकिन मुझे रात के सन्नाटे में ही याद होता है, क्या करूं?
- पूरा सिलेबस तैयार करना है, समय कम है। बहुत ज्यादा टेंशन में हूं।
- पैटर्न बदल गया है, आसान तो हुआ है, पर कंफ्यूजन बहुत है।
- परीक्षा के बीच गैप कम है, रिवीजन का समय नहीं है।
- प्री-बोड्र्स काफी कठिन है, क्या ऐसा ही पेपर बोर्ड में भी आएगा?
परीक्षार्थियों के इन सवालों का जवाब विभिन्न विषयों के एक्सपर्ट दे रहे हैं। इसके अलावा अंग्रेजी, जीव विज्ञान, इतिहास, समाज शास्त्र, अर्थशास्त्र व जीव विज्ञान, उर्दू, भौतिक विज्ञान, मनोविज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, मीडिया, वेब, इंटरप्रेन्योरशिप व अकाउंटेंसी अंग्रेजी, रसायन शास्त्र, राजनीति शास्त्र, व्यावसायिक शिक्षा, कृषि आदि विषयों पर जरूरी जानकारी दी जा रही है। परीक्षार्थी तनीशा, श्रेया, अक्षत, संचित व आर्यन ने बताया कि टेली काउंर्सिंलग से काफी फायदा होगा।
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बोर्ड की काउंसलिंग से छात्रों को बहुत फायदा होता है। पिछली बार के मुकाबले इस बार शिक्षकों की संख्या बढ़ाई गई है। शिक्षक अधिक रहने से छात्रों को इंतजार नहीं करना होगा। फोन या मेल पर उन्हें तुरंत उत्तर मिल जाता है। परीक्षा एंजायटी और दबाव को कम करने के लिए कई तरह की एक्सरसाइज करवाते हैं। उन्हें नोट्स बनाकर देते हैं, जिससे उनकी शंकाएं दूर हों और वे आराम से परीक्षा दे सकें।
- अशोक गुलेरिया, प्रधानाचार्य, डीएवी स्कूल चंबा।
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