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सुभाष वाबड़ी व सतधारा के फिर से जीवंत होने की बंधी उम्मीद

पर्यटन नगरी डलहौजी में नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी धरोहर सुभाष बावड़ी के स्वास्थ्यवर्धक जल का नियमित सेवन कर नेताजी स्वस्थ हुए थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 05:46 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 05:46 AM (IST)
सुभाष वाबड़ी व सतधारा के फिर से जीवंत होने की बंधी उम्मीद
सुभाष वाबड़ी व सतधारा के फिर से जीवंत होने की बंधी उम्मीद

संवाद सहयोगी, डलहौजी : पर्यटन नगरी डलहौजी में नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी धरोहर सुभाष बावड़ी के स्वास्थ्यवर्धक जल का नियमित सेवन कर नेताजी स्वस्थ हुए थे। कई साल से देखरेख के अभाव में उपेक्षित इस धरोहर को संरक्षण के लिए प्रशासनिक स्तर पर कदमताल शुरू हो गई है।

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बावड़ी स्थल को नवजीवन देने के लिए मंगलवार को प्रशासनिक टीम ने बावड़ी स्थल का निरीक्षण किया। साथ ही डलहौजी की एक अन्य अमूल्य धरोहर सतधारा को भी फिर से जीवंत कर इसे भव्य स्वरूप देने की योजना बनाई गई।

यदि योजना सिरे चढ़ती है तो जल्द ही दोनों धरोहरें अपनी पुरातन पहचान को आकर्षक स्वरूप में हासिल कर सकेंगी जिसके फलस्वरूप डलहौजी के पर्यटन व्यवसाय की बढ़ोतरी में दोनों धरोहरें अहम भूमिका निभाएंगी। सुभाष बावड़ी की दशा-दिशा सुधारे जाने की दरकार संबंधी दैनिक जागरण द्वारा समय-समय पर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए गए। वहीं रमणीय डलहौजी नामक सामाजिक संस्था द्वारा भी सुभाष बावड़ी व सतधारा के जीर्णोद्धार की मांग उठाई गई थी। जबकि सुभाष बावड़ी व सतधारा के जीर्णोद्धार के लिए जहां एसडीएम डलहौजी जगन ठाकुर व्यक्तिगत रूप से गंभीर दिखे, वहीं डलहौजी पब्लिक स्कूल डलहौजी के निदेशक एवं प्रधानाचार्य डा. कैप्टन जीएस ढिल्लों जिन्होंने कुछ वर्ष पहले भी सुभाष बावड़ी के रखरखाव हेतु योगदान दिया था। डलहौजी गैस एजेंसी के मालिक सरदार परमजीत सिंह व नगर परिषद डलहौजी के उपाध्यक्ष संजीव पठानिया ने भी विशेष रुचि दिखाते हुए अपना हरसंभव योगदान देने का भरोसा दिया है।

दोनों धरोहरों के संरक्षण के लिए मंगलवार को एसडीएम डलहौजी जगन ठाकुर की अगुवाई में तहसीलदार राजेश जरयाल, नगर परिषद के उपाध्यक्ष संजीव पठानिया, पार्षद हरप्रीत सिंह, कनिष्ठ अभियंता संजीव शर्मा, ऋषभ घई, सहित जल शक्ति विभाग व सामाजिक संस्था के प्रतिनिधियों ने वास्तुकार के साथ दोनों एतिहासिक धरोहरों का निरीक्षण किया। वहीं दोनों धरोहरों के संरक्षण के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की। एसडीएम डलहौजी ने वास्तुकार को पर्यटन की दृष्टि से दोनों धरोहरों को फिर से जीवंत करने के लिए रूपरेखा बनाने व नगर परिषद को रूपरेखा अनुसार एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए। एस्टीमेट तैयार होने के बाद बजट स्वीकृति के लिए एस्टीमेट जिला पर्यटन विकास अधिकारी के माध्यम से विभागीय आला अधिकारियों व सरकार को भेजा जाएगा। बजट स्वीकृत होते ही दोनों धरोहरों को विकसित कर संरक्षित किया जाएगा।

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दोनों धरोहरों को विकसित करेंगे : जगन ठाकुर

एसडीएम जगन ठाकुर ने कहा कि सुभाष बावड़ी तक जाने वाले मार्ग किनारे सांकेतिक चिह्न, होर्डिग्स, प्रकाश व्यवस्था, बाउंड्री सहित रंगाई पुताई, बावड़ी की दीवारों पर नेताजी व आजाद हिद फौज से जुड़े चित्रों को उकेरने, लोगों के बैठने के लिए गुमटियों का निर्माण, बावड़ी से सटे वन क्षेत्र में भ्रमण के लिए रास्तों का निर्माण व रेलिग की व्यवस्था व यहां शौचालयों की व्यवस्था के लिए प्राकलन तैयार करने सहित सतधारा के कायाकल्प हेतु भी प्राकलन तैयार करने के निर्देश नगर परिषद डलहौजी को दे दिए गए हैं। सुभाष बावड़ी में नेताजी की पेंसिल स्केच प्रतिमा भी लगवाई जाएगी जबकि बावड़ी व सतधारा की विशेषताओं का उल्लेख करती हुए ग्रेनाइट की पट्टिकाएं भी लगवाई जाएंगी। बावड़ी स्थल पर डलहौजी की कायनांस कोठी जहां पांच माह तक नेताजी रहे थे की प्रतिकृति भी बनवाने के प्रयास किए जाएंगे। इसी के साथ सतधारा को हिमाचली रंगरूप में संवार कर इसे आकर्षक बनाया जाएगा। दोनों धरोहरों को अनूठे पर्यटक स्थलों के तौर पर विकसित करने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

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दोनों धरोहरों के संरक्षण के लिए प्रशासन नगर परिषद के माध्यम से एस्टीमेट तैयार करवा कर दे। एस्टीमेट को निदेशक पर्यटन विकास विभाग को बजट हेतु भेजा जाएगा। जहां से बजट स्वीकृत होने पर दोनों धरोहरों को सहेजा जाएगा।

-विजय कुमार, जिला पर्यटन विकास अधिकारी चंबा।


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