दिन में सड़क जाम, रात में खेत खाली
संवाद सहयोगी चंबा जिला चंबा में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इन दिनों चंबा-त
संवाद सहयोगी, चंबा : जिला चंबा में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इन दिनों चंबा-तीसा मार्ग पर नए बालू पुल से लेकर सरोल तक बेसहारा पशु स्पीड ब्रेकर बनकर सड़क पर खड़े रहते हैं। ऐसे में वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दुर्घटना होने का भी भय सता रहा है साथ ही यह किसानों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। इसी तरह जिला चंबा के उपमंडल सलूणी, भटियात, भरमौर, डलहौजी सहित अन्य उपमंडलों में भी यह समस्या लगातार गंभीर बनती जा रही है। चंबा शहर में भी ये दिक्कतें पैदा कर रहे हैं। भले ही इनकी शहर में इनकी संख्या कम हो, लेकिन समस्या बड़ी है। चंबा शहर में कितने बेसहारा पशु हैं। इसकी अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। हालांकि, नगर परिषद की ओर से इनकी गिनती करवाए जाने की बात कही जा रही है। जिलेभर में सैकड़ों बेसहारा पशु सड़कों पर घूमते हुए देखे जाते हैं।
बेसहारा पशु जहां दिन के समय सड़कों पर स्पीड ब्रेकर का कार्य कर रहे हैं। वहीं, शाम के समय खेतों में घुसकर फसलों को भी चट कर रहे हैं। इन पशुओं के संरक्षण अभी तक पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा सके हैं। इस कारण जहां पशु लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं।
जिले में छह गोसदन एक्टिव
जिला चंबा में वर्तमान समय में छह गोसदन चल रहे हैं। इनमें करीब 173 गायों को रखा गया है। जिला मुख्यालय चंबा में दो गोसदन चल रहे हैं। इसके अलावा उपमंडल भरमौर, डलहौजी तथा भटियात में भी गोसदन चल रहे हैं। इनमें से नैनीखड्ड के समीप ठाने नाला में सर्वाधिक करीब 60 गायों को संरक्षण प्रदान किया गया है, लेकिन मात्र छह गोसदनों से जिलाभर में बेसहारा हुए पशुओं को संरक्षण प्रदान करना ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
मंजीर में किया जा रहा गोसदन का निर्माण
बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के उद्देश्य से उपमंडल सलूणी के तहत मंजीर पंचायत में गोसदन का निर्माण करवाया जा रहा है। इस गोसदन में करीब दो सौ से ढाई सौ गायों को आश्रय दिया जा सके। इसका निर्माण कार्य वर्तमान समय में चल रहा है। इसके निर्मित होने के बाद जिला में बेसहारा घूम रही गायों को आश्रय मिलेगा। इसमें गायों के लिए चारे से लेकर हर प्रकार की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी, लेकिन, जिस तरह से जिला में पशुओं को बेसहारा छोड़ा जा रहा है। उसे देखते हुए उक्त गोसदन भी कम पड़ सकता है। लिहाजा, सरकार व प्रशासन को बड़े स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। बेसहारा पशुओं को सहारा देने के उद्देश्य से जिला चंबा के मंजीर में गोसदन का निर्माण करवाया जा रहा है। इसके अलावा पंचायत स्तर पर गोसदनों को चालू करने के लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है। लोगों से अपील है कि पशुओं को बेसहारा न छोड़ें।
डीसी राणा, उपायुक्त चंबा।