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एक साल से एक ही कमरे में चल रही है छठी, सातवीं और आठवीं कक्षायें

हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को सामुदायिक भवन में पढ़ाई करनी पड़ रही है जिसमें एक ही कमरे में छठी सातवीं व आठवीं के बच्‍चे को एक साथ बैठना पड़हा हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 08:57 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 08:57 AM (IST)
एक साल से एक ही कमरे में चल रही है छठी, सातवीं और आठवीं कक्षायें
एक साल से एक ही कमरे में चल रही है छठी, सातवीं और आठवीं कक्षायें

साहो, जेएनएन। हिमाचल सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में नए स्कूलों को खोल रही है, लेकिन कई स्कूलों को अब भी निजी भवनों में चलाया जा रहा है। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। साहो क्षेत्र की राजकीय माध्यमिक पाठशाला टिकरी में बच्चों को स्कूल भवन जैसी सुविधाएं न मिलने के कारण सामुदायिक भवन में पढ़ाई करनी पड़ रही है।

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एक वर्ष से यह स्कूल एक सामुदायिक भवन में चल रहा है। सरकार ने डेढ़ वर्ष पूर्व स्कूल को खोलने की घोषणा तो कर दी, लेकिन भवन का कोई प्रबंध नहीं किया। मौजूदा समय में 33 बच्चे छठी, सातवीं व आठवीं के पढ़ रहे हैं। सामुदायिक भवन के एक ही हॉल में तीनों कक्षाएं एक साथ लगती हैं। इस कारण बच्चों का ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित नहीं हो पाता है। स्कूली बच्चों के लिए खेल का मैदान तक नहीं है।

जहां सरकार द्वारा खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं चलाई हुई हैं, वहीं ऐसे में इन योजनाओं का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।जिस व्यक्ति द्वारा स्कूल के भवन निर्माण के लिए जमीन दी जा रही है उससे बात जारी है।

कागजी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। इसके बाद स्कूल के भवन निर्माण संबंधी प्रक्रिया को अमलीजामा पहना दिया जाएगा तथा स्कूल बनाने का कार्य शुरू हो पाएगा।

-फौजी सिंह, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक चंबा।

इस बारे में कई बार प्रस्ताव पारित किए गए हैं, ताकि स्कूल को भवन नसीब हो सके, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके कारण एसएमसी में स्थानीय प्रशासन के खिलाफ काफी रोष है।

-उत्तम चंद, एसएमसी अध्यक्ष टिकरी स्कूल। 

अभिभावक बोले, कई बार उठाई मांग पर नहीं कोई असर

अभिभावकों का कहना है कि भवन होने पर बच्चों की संख्या और बढ़ेगी। इस बारे में कई बार स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से शिक्षा विभाग व स्थानीय प्रशासन से मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। भवन के निर्माण संबंधी प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जाए।

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