फर्ज की खातिर मासूम बेटे से तीन माह से नहीं मिले एसएचओ
कोविड-19 महामारी से लड़ाई में प्रथम पंक्ति के योद्धाओं में शुमार कर्मठ पुलिस कर्मचारी इस संकट की घड़ी में अपने परिवार से ज्यादा अपनी ड्यूटी को अहमियत दे रहे हैं।
संवाद सहयोगी, डलहौजी : कोविड-19 महामारी से लड़ाई में प्रथम पंक्ति के योद्धाओं में शुमार कर्मठ पुलिस कर्मचारी इस संकट की घड़ी में अपने परिवार से ज्यादा अपनी ड्यूटी को अहमियत दे रहे हैं। कई पुलिस कर्मचारियों ने तीन माह से एक भी छुंट्टी नहीं ली है और निरंतर सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे ही एक कोरोना योद्धा पुलिस थाना डलहौजी के प्रभारी एसएचओ आशीष पठानिया हैं। पठानिया हमीरपुर जिला के निवासी हैं और घर पर उनके बुजुर्ग माता-पिता सहित पत्नी व तीन साल का बेटा है। इनयोद्धा के लिए परिवार से बढ़कर अपना फर्ज है।
पठानिया ने बीते तीन माह से एक भी छुंट्टी नहीं ली है। बेटे व परिवार की याद आने पर पठानिया मोबाइल पर वीडियो कॉल करके अपना दिल बहला लेते हैं। वीडियो कॉल के माध्यम से बेटे का चेहरा देख व उसकी तोतली बातें सुनकर पठानिया का जोश और ज्यादा बढ़ जाता है। चूंकि पठानिया थाना प्रभारी हैं, ऐसे में उनकी जिम्मेदारी भी बड़ी है। थाना क्षेत्र के तहत कानून व्यवस्था को कायम रखने के साथ-साथ लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए भी पठानिया जागरूक करते हैं। वहीं, लॉकडाउन के नियमों की पालना सुनिश्चित बनाने सहित पुलिस कर्मचारियों के साथ फील्ड में जाकर गश्त करते हैं व चेक पोस्टों पर भी निगरानी रख रहे हैं।
पठानिया ने कहा कि परिवार चितित तो रहता है मगर परिवार का भी यह मानना है कि संकट की इस घड़ी में देश सेवा पहला कर्तव्य है। पठानिया ने लोगों से कोविड-19 से बचाव के लिए सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की।