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शाम-ए-गजल को गजल गायकों ने बनाया सुरमयी

शाम-ए-गजल कार्यक्रम में गजल गायकों ने अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को सुरमयी बना दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 02:49 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 02:49 PM (IST)
शाम-ए-गजल को गजल गायकों ने बनाया सुरमयी
शाम-ए-गजल को गजल गायकों ने बनाया सुरमयी

संवाद सहयोगी, चंबा : जिला मुख्यालय की सरस्वती संगीत अकादमी चंबा में शाम-ए-गजल का आयोजन किया गया। इसमें राजकीय महाविद्यालय सिहुंता के प्राचार्य डॉ. विद्यासागर शर्मा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। अकादमी के एमडी नंदलाल भारद्वाज ने मुख्य अतिथि को शॉल, टोपी तथा स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में भूपेश तूर, डॉ. उज्ज्वल कटोच, गुलशन पाल, सीमा भारद्वाज, कुमारी मधु धर, विशाली, कुमारी शीतल, मोहन, मास्टर राहुल ने प्रस्तुतियों से शाम को सुरमयी बना दिया। डॉ. विद्यासागर ने भी गजलें प्रस्तुत कीं। इस दौरान कुमारी मधु धर ने 'कुछ बात हो तो कहूं भी में', कुमारी शीतल ने 'खुदा का जिक्र', मास्टर राहुल व मोहन ने 'राहें उल्फत में आप साथ नहीं', सीमा भारद्वाज ने 'दुख देकर सवाल करते हो', गुलशन पाल ने 'मरीज ए मोहब्बत उन्हीं का फसाना' और भूपेश राज तूर ने 'मैं होश में था' प्रस्तुत कर जमकर तालियां बटोरी। डॉ. विद्यासागर ने गजल गायकों को पुरस्कृत भी किया। अकादमी की प्रधानाचार्य सीमा भारद्वाज ने कहा कि आगामी समय में भी संगीत गोष्ठियां जारी रहेंगी। इस मौके पर डॉ. केपी ¨सह, जितेश्वर सूर्या, उमाकांत आनंद, प्रोफेसर सतपाल, प्रोफेसर अविनाश मौजूद रहे।

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