इक्का-दुक्का पैरापिट, क्रैश बैरियर का नामोनिशान नहीं
कमल कुमार, सेईकोठी नकरोड़-आयल संपर्क मार्ग कई साल से खस्ताहाल है। इस ओर न तो विभाग अ
कमल कुमार, सेईकोठी
नकरोड़-आयल संपर्क मार्ग कई साल से खस्ताहाल है। इस ओर न तो विभाग और न ही सरकार ध्यान दे रही है। इससे स्थानीय लोगों व चालकों की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नकरोड़ से डैम साइट तक तो सड़क पर टा¨रग की गई है। लेकिन, इससे आगे तो लोगों का भगवान ही मालिक है। डैम साइड से ज्वाला तक मार्ग की कुल दूरी करीब सात किलोमीटर है। इसकी हालत ऐसी है कि गाड़ियों का खराब होना तय है। इनमें बैठने वाली सवारियों की हालत भी खराब हो जाती है। यही नहीं मार्ग पर इक्का-दुक्का जगह को छोड़कर अन्य स्थानों पर पैरापिट भी नहीं हैं। क्रैश बैरियर का तो नामोनिशान नहीं है। ऐसे में जो लोग सड़क पर गाड़ियां लेकर जाते हैं। उन्हें हर वक्त दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि तीन माह पहले एक जीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें चालक की मौत हो गई थी। यदि क्रैश बैरियर होते तो शायद जान बच भी सकती थी। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि मार्ग निर्माण हुए करीब नौ वर्ष का समय बीत चुका है। लेकिन, इसके बावजूद अभी तक इसकी हालत को सुधारने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। नतीजतन हर दिन लोगों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। सड़क का लाभ वणंतर व आयल पंचायत के करीब 40 गांवों को मिल रहा है। लेकिन, इसमें केवल लाभ ही नहीं मुश्किलें भी नीहित हैं। लोगों का कहना है मार्ग पर बस भी चला करती थी। लेकिन, खस्ताहाल सड़क पर अब वह भी नहीं आ रही है।
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मैं हर दिन घर से स्कूल तक आठ किलोमीटर का सफर बाइक पर करता हूं। लेकिन, सड़क की हालत खस्ता है। बाइक लेकर जाते समय हादसे का डर रहता है।
-सीएल शर्मा, निवासी ज्वाला।
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मुझे रोज तीसा व अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है। मार्ग की हालत काफी खस्ता है। यदि हालत को सुधारा नहीं जाता है तो आने वाले समय में दिक्कतें बढ़ जाएंगी।
-गुलाम अली, लोकमित्र केंद्र संचालक सरोगा निवासी।
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मार्ग की हालत खस्ता है। लोग टैक्सी के लिए दोगुना किराया देने के लिए तैयार हैं। लेकिन, सड़क की हालत काफी खस्ता होने के चलते हम यहां नहीं जाना चाहते हैं। क्योंकि, इससे काफी नुकसान होता है।
-कमल, टैक्सी चालक।
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इस मार्ग पर हर दिन आवाजाही होती है। हम सब्जी लेकर आते हैं। काफी बुरी हालत है। हमारी मजबूरी है कि हमें मजबूरी में यहां पर गाड़ी के माध्यम से सब्जी लेकर आना पड़ता है। क्योंकि, अन्य कोई नहीं आता है।
-इशाक मोहम्मद, पिकअप चालक।