अटल टनल बनाने में दोरजे के योगदान को सराहा
सुंदर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वाधान में सोमवार को कला सृजन पाठशाला ने वर्चुअल मीट का आयोजन किया। कला सृजन पाठशाला ने कविता-पाठ तथा लेख-पाठ का आयोजन किया।
संवाद सहयोगी, चंबा : सुंदर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वाधान में सोमवार को कला सृजन पाठशाला ने वर्चुअल मीट का आयोजन किया। कला सृजन पाठशाला ने कविता-पाठ तथा लेख-पाठ का आयोजन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत पाठशाला के अध्यक्ष शर्त शर्मा ने की। इसके बाद डा. संतोष कुमार ने छेरिग दोरजे तथा मृदुला सिंहा का परिचय पेश किया। उन्होंने मृदुला सिंहा की रचना 'मात्र देह नहीं है औरत' तथा 'ढाई बीघा जमीन पर' अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
पारुल जसरोटिया ने भक्तिमय रचना प्रस्तुत की। हर्ष ने 'आज हमारे बीच नहीं है तो क्या हुआ' रचना पढ़ी। रेखा रश्मि ने छेरिग दोरजे का समाज के प्रति योगदान को याद किया तथा 'हथेलियां मजदूर पिता की' कविता का पाठ करके सभी को मंत्रमुग्ध किया।
पल्लवी शर्मा ने 'गरीबी' तथा 'आंसू' कविता का पाठ किया। कवि हेमराज ने 'कहां गई वो दोस्ती' कविता प्रस्तुत कर आज की वाट्सएप एवं फेसबुक की दोस्ती पर व्यंग्य किया। पाठशाला के वरिष्ठ कवि एवं समाजसेवी भूपेंद्र जसरोटिया ने अपनी रचना 'बच्चा होना चाहता हूं' प्रस्तुत करके बचपन के प्रसंगों का जिक्र किया। उन्होंने सूही माता के बलिदान पर भी मार्मिक कविता पढ़कर वाहवाही लूटी।
कार्यक्रम का संचालन स्थानीय महाविद्यालय के हिदी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. संतोष कुमार द्वारा किया गया । कार्यक्रम का समापन कला सृजन पाठशाला के अध्यक्ष शर्त शर्मा के अध्यक्षीय भाषण व्याख्यान से हुआ। उन्होंने छेरिग दोरजे तथा मृदुला सिंहा के अनछुए पहलुओं को याद किया तथा अटल टनल बनाने में दोरजे के श्रम और मेहनत के योगदान को याद किया। उन्होंने बताया शीघ्र ही कला सृजन पाठशाला एक पुस्तक का प्रकाशन भी करवाने जा रही है।