परमस में जली पर्यावरण संरक्षण की अलख
इस बार कोविड 19 महामारी ने लोगों के दिनचर्या को बदल करके रख दिया है। सरकार के दिशा निर्देश का पालन करते हुए लोगों ने अपने ही गांव और घरों में रह कर शारीरिक दूरी में रह करके कृषि बागवानी का कार्य कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, पांगी : कबायली क्षेत्र पांगी घाटी के परमस गांव के लोगों ने कर्फ्यू के दौरान देवदार के 200 पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाई है। इस कार्य में वन विभाग ने भी ग्रामीणों की सहायता की है। वन विभाग पांगी ने ग्रामीणों को उपप्रधान के माध्यम से पौधे दिए।
आमतौर पर साल में छह महीने बर्फ की कैद में रहने के बाद मार्च-अप्रैल में लोग खेतीबाड़ी व बागवानी के कार्यो में जुट जाते हैं। इस बार कोरोना महामारी ने लोगों की दिनचर्या को बदल दिया है। सरकार के दिशानिर्देश का पालन करते हुए लोग अपने ही गांव में रहकर शारीरिक दूरी अपनाते हुए कृषि व बागवानी का कार्य कर रहे हैं। इस बार पांगी घाटी में कर्फ्यू के दौरान लोगों ने कृषि विभाग के साथ पर्यावरण को बचाने और हरियाली को ध्यान में रखते हुए अपनी जमीन में खाली पड़ी जगह में देवदार के पौधे लगाए हैं।
ग्राम पंचायत किलाड़ के परमस गांव के लोगों ने मिलकर पौधारोपण किया तथा अब उसका संरक्षण भी कर रहे हैं। पांगी घाटी में लोग अपनी बालन की जरूरत के लिए पौधारोपण करते थे। इस बार कोरोना महामारी ने लोगों की सोच को इस कदर बदला कि उन्होंने देवदार के पौधे रोपकर दूरदर्शिता का परिचय दिया है। इस कार्य के लिए ग्रामीणों ने वन विभाग का अभार जताया है।
------- कोरोना महामारी के कारण लोगों को एहतियात के तौर पर अपने घरों में ही रहना पड़ रहा था। किलाड़ में एकमात्र जंगल शतवानी में देवदार के पेड़ हैं। इसलिए लोगों को खाली व बंजर भूमि पर देवदार और अन्य पौधे रोपने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वन विभाग के द्वारा दिए गए देवदार के पौधों को रोपा गया है।
सतीश शर्मा, उपप्रधान, ग्राम पंचायत किलाड़।
-------- परमस के लोगों ने कर्फ्यू के दौरान देवदार के पौधे रोपकर दूरदर्शिता का परिचय दिया है। किसानों व बागवानों को वन विभाग हर प्रकार के पौधे उपलब्ध करवाता रहता है।
मनिकर्ण, कार्यकारी वन परिक्षेत्र अधिकारी, किलाड़।