61 साल से निजी भवन में सरार आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी
उपमंडल सलूणी की ग्राम पंचायत सियुंला के गांव सरार में आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी 1957 से आज तक निजी भवन में किराये पर चल रही है।
संवाद सूत्र, तेलका : सरकार और नेता स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के कई दावे करते हैं, लेकिन उपमंडल सलूणी की ग्राम पंचायत सियुंला के गांव सरार में आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी 1957 से निजी भवन में किराये पर चल रही है। हालांकि लोक निर्माण विभाग सलूणी के पास करीब छह साल से इसके लिए राशि भी स्वीकृत हो गई है। विभाग की ओर से करीब चार साल पहले ठेकेदार के माध्यम से भवन निर्माण को लेकर कार्य शुरू किया गया था, लेकिन डिस्पेंसरी की नींव भी पूरी नहीं हुई थी कि काम बंद कर दिया गया। कार्य शुरू करने के 15 दिन के बाद बंद किया गया काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है। विभाग की तरफ से कोई भी कार्रवाई न होने से लोगों में रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि काम को शुरू तो किया गया, लेकिन नींव पत्थर डालने के बाद ही उसे बंद कर दिया गया। ऐसे में विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठ रहे हैं। कार्य बंद रखने का क्या कारण हैं, इसे आज तक का उजागर नहीं होने दिया गया। डिस्पेंसरी भवन का निर्माण कार्य पूरा न होना, सरकारी राशि का दुरुपयोग है। ग्रामीणों का कहना है कि कार्य शुरू करने के बाद उसे बंद किया गया है। काम शुरू होने पर जगी थी राहत की उम्मीद
जब यहां पर भवन का कार्य शुरू हुआ था तो लोगों को उम्मीद जगी थी कि डिस्पेंसरी को अपना भवन मिल जाएगा, लेकिन कुछ ही समय बाद निराशा ही मिली। स्थानीय ग्रामीणों ने मांग की है कि डिस्पेंसरी के लिए जल्द भवन निर्माण किया जाए। यहां पर भवन न होने के कारण स्टाफ व लोगों को परेशान होना पड़ता है। डिस्पेंसरी भवन निर्माण के लिए जो राशि आई थी, वह काफी कम थी। यह क्षेत्र दूर स्थित पहाड़ी पर है। यहां पर पैदल रास्ता होने के कारण सामान पहुंचाने के लिए अधिक पैसा खर्च हो रहा था। इसके कारण उसे पुन: आयुर्वेदिक विभाग शिमला को रिवाइज अनुमान स्वीकृति के लिए बीते वर्ष भेजा है। जैसे ही पैसा आता है, जल्द कार्य करवाएंगे, ताकि सरार आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी को अपना भवन मिल सके।
- अरुण पठानिया, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग सलूणी।