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मनाली-श्रीनगर वाया पांगी मार्ग की थमी है रफ्तार

मनाली-श्रीनगर बाया पांगी मार्ग एक सप्ताह के बाद भी बहाल नहीं हो पाया है जिस कारण घाटी के लोगों की दिक्कतें बढ़ी हुई हैं। उक्त मार्ग बंद होने के कारण पांगी घाटी का संपर्क शेष जिला सहित विश्व से पूरी तरह से कट चुका है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 03:59 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 08:00 AM (IST)
मनाली-श्रीनगर वाया पांगी मार्ग की थमी है रफ्तार
मनाली-श्रीनगर वाया पांगी मार्ग की थमी है रफ्तार

संवाद सहयोगी, पांगी : जनजातीय क्षेत्र पांगी के लोगों की मुसीबतें सर्दी के बाद भी कम होती नहीं दिख रही हैं। मनाली-श्रीनगर वाया पांगी मार्ग एक सप्ताह के बाद भी बहाल नहीं हो पाया है। मार्ग बंद होने से घाटी का संपर्क शेष जिला सहित विश्व से पूरी तरह से कट चुका है। आलम यह है कि घाटी के लोग घाटी में ही कैद हो कर रह गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्दी में बर्फबारी से छह माह पांगी के लोगों को शेष विश्व से जोड़ने का यही एकमात्र रास्ता है। सर्दी के बाद जब गर्मी का आगाज होता है तो सबसे पहले उक्त मार्ग ही यातायात के लिए बहाल होता है। इसी मार्ग से होते हुए स्थानीय लोग घाटी से बाहर अन्य स्थानों के लिए निकलते हैं तथा अन्य क्षेत्रों से आने वाले लोग घाटी में पहुंचते हैं।

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लोगों का कहना है कि मार्ग के भूस्खलन के कारण बंद होने पर श्वास में रास्ता पार करवाने के लिए कुली दो सौ रुपये तक वसूल रहे हैं। स्थानीय लोगों मुनी लाल, प्रताप सिंह, मोहन लाल, गुरदेव, मंगल सिंह, राजेश कुमार, किशोरी लाल, रिगजिग, छिरिग, बीर बहादुर, काका राम तथा चैन लाल का कहना है कि पांगी के लोगों के साथ सरकार का रवैया आशा अनुरूप सही नहीं रहा है। पांगी के लिए हवाई उड़ानें नाममात्र ही करवाई जा रही हैं। घाटी जिला मुख्यालय चंबा से सात सौ किलोमीटर दूर है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अक्टूबर में अपने पांगी दौरे के दौरान पांगी के लोगों की समस्यओं का समाधान करने का वादा किया था। इसके साथ ही मनाली-श्रीनगर वाया किलाड़ (पांगी) मार्ग को सालभर खुला रखने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद यहां के लोगों को कोई भी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही मार्ग को बहाल नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में घाटी के लोगों की दिक्कतें और बढ़ जाएंगी। सरकार व प्रशासन से जल्द मार्ग को बहाल करवाए।

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मैं जम्मू-कश्मीर के श्वास से होकर पांगी पहुंचा हूं। वहां पर करीब 15 से 20 मीटर तक मार्ग का का हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया है। जम्मू-कश्मीर के गुलाबगढ़ के सीमा सड़क संगठन के कर्मचारी काम कर रहे है। जल्द ही मार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। लोगो से आग्रह है कि जोखिम न उठाएं।

विश्रुत भारती, उपमंडल अधिकारी नागरिक पांगी।


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