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ठिठुर रहे नौनिहाल, व्यवस्था हांफी

हीं बात कह रहा है। जिला के प्राथमिक स्कूलों के नौनिहाल कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे हैं। जिला के स्कूलों में बच्चों को ठंड से बचाने के लिए अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। हालत यह है कि जिला के प्राथमिक स्कूलों के नौनिहाल कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे हैं। सर्दियों की दस्तक के बाद भी स्कूलों में अभी तक ठंड से निपटने के लिए इंतजाम नहीं किए जा सके हैं। हालात यह हैं कि जिला के स्कूलों में विद्युत व्यवस्था तो है, लेकिन हीटर का उपयोग करने की एवज में बिल की अदायगी कहां से होगी, इसका बजट में प्रावधान नहीं है। इस कारण जिला चंबा के स्कूलों में नौनिहाल सारा दिन ठिठुर रहे हैं। जिला के दुर्गम क्षेत्र तीसा, भरमौर और पांगी में खासकर सबसे

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 11:35 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 11:35 PM (IST)
ठिठुर रहे नौनिहाल, व्यवस्था हांफी
ठिठुर रहे नौनिहाल, व्यवस्था हांफी

सुरेश ठाकुर, चंबा

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मां.. मैं स्कूल नहीं जाऊंगा। क्योंकि वहां पर ठंड से बचने के लिए कोई प्रबंध नहीं है। जिला चंबा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाला हर नौनिहाल परिजनों से यही बात कह रहा है।

जिला की प्राथमिक पाठशालाओं में पढ़ने वाले नौनिहाल ठंड में ठिठुर रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग व सरकार गंभीर नहीं हैं। कई स्कूलों में विद्युत व्यवस्था तो है लेकिन बिल भरने के लिए बजट का प्रावधान नहीं है। दुर्गम क्षेत्रों तीसा, भरमौर व पांगी में सबसे अधिक ठंड होती है। यहां के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहाल हर वर्ष सर्दी के मौसम में ठिठुरते रहते हैं। लेकिन किसी भी सरकार ने इन्हें ठंड से बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।

जिला में 1187 प्राथमिक पाठशालाएं हैं। इनमें हजारों बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। पहले सर्दी के मौसम में स्कूलों को कोयले की खेप भेजी जाती थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए कोयले को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से स्कूलों में इसकी खेप भेजना बंद कर दी है। तब से बच्चों को ठंड से बचाने के लिए कोई प्रबंध नहीं है। जिन स्कूलों में बिजली की व्यवस्था है वहां के शिक्षकों को खुद अपनी जेब से बिल जमा करवाना पड़ रहा है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कोयले को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। बच्चों को ठंड से बचाने के लिए स्कूल अपने स्तर पर ही प्रबंध करते हैं। दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में अभी तक कोई प्रबंध नहीं किया गया है। बिजली बिल की अदायगी के लिए बजट का प्रावधान न होने से दिक्कत आ रही है। स्कूल प्रबंधन एसएसए ग्रांट से बिल जमा करवाते हैं। ग्रांट न हो तो अपने स्तर पर व्यवस्था कर जमा करवाना पड़ता है।

-फौजा सिंह, उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग चंबा

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संबंधित विभाग को व्यवस्था करने के आदेश दिए जाएंगे। साथ ही प्रशासन की ओर से भी अपने स्तर पर मामले की जांच की जाएगी।

-हरिकेश मीणा, उपायुक्त चंबा

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बिजली बिल के लिए बजट का प्रावधान करने का मामला कई बार शिक्षा निदेशालय के समक्ष उठाया गया है। बच्चों के पैसों से बिजली बिल भरना गलत है। मामले को दोबारा शिक्षा निदेशालय के समक्ष रखा जाएगा।

-रमेश विजलवान, प्रधान, प्राथमिक अध्यापक संघ चंबा


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