Joint Pain Treatment : जोड़ों के दर्द में रामबाण हैं खुवानी तेल, चुटकियों में मिलेगी राहत
Joint Pain Treatment जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर पांगी हिल्स संस्था ने एक खास तेल बनाया है जिसकी बिक्री जल्द शुरु हो जाएगी।
चंबा, जेएनएन। लंबे समय से जोड़ों के दर्द से परेशान है और दवा भी असर नहीं कर रही तो आपके लिए राहत भरी खबर है। पांगी हिल्स संस्था ने एक ऐसा तेल बनाया है, जिसकी मालिश से जोड़ों का दर्द चुटकी में दूर हो जाएगा। जिला मुख्यालय में औषधीय गुणों से भरपूर यह तेल पांगी से पहुंच गया है और जल्द ही इसकी बिक्री भी शुरू हो जाएगी।
गौर रहे कि पांगी हिल्स संस्था के तड़ोली स्थित ट्राइबल मार्ट में अब लाहुल का खुवानी तेल भी पहुंच गया है। तेल से जोड़ों का दर्द चुटकियों में दूर हो जाएगा। लाहुल के पांगी के मयाड़ नाले से इस तेल को तैयार किया गया है। बीते काफी समय से उक्त तेल की मांग थी, जिस पर पांगी हिल्स ने तेल को चंबा में पहुंचाया है। इससे पूर्व इस तेल के लिए लोगों को पांगी तक जाना पड़ता था। पांगी हिल्स रुलर मार्ट अध्यक्ष डॉ. हरेश शर्मा ने बताया कि किसानों की कड़ी मेहनत से तेल को तैयार किया गया है।
जल्द ही शुरु होगी तेल की बिक्री
जल्द ही तेल की बिक्री को शुरू किया जाएगा। पांगी हिल्स रूरल मार्ट बीते कुछ समय से पांगी के महत्वपूर्ण उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मंच दे रहा है। कई उत्पादों को अब तक ऑनलाइन भी बेचा गया है। वेबसाइट पर ऑर्डर बुक करने पर सामान को घर भी पहुंचाया जाता है। विशेषज्ञों के पैनल की ओर से उत्पादों का चयन करने के बाद मूल्य तय कर उन्हें ऑनलाइन बेचा जा रहा है।
किसानों को सीधे तौर पर लाभ
यहां इसी तरह काला जीरा, गुच्छी, सुआण, गुग्गुल, पतिश, शिलाजीत, केसर, धूप, वालनट आयल, अचार, शहद, सफेद शहद, विभिन्न प्रकार का राजमा और जंगली जड़ी बूटियों की विभिन्न किस्मों को लिया जाता है। इससे किसानों को सीधे तौर पर लाभ मिला है। वहीं पांगी की महिलाओं द्वारा बने उत्पादों के लिए स्टोर में हैंडलूम सेक्शन भी बनाया गया है, जिसमें भेड़ की ऊन से बने मौजे, स्वेटर, टोपी, दस्ताने, कैप, मफलर, शॉल आदि रखे गए हैं। अब तक लाखों की तादाद में यह उत्पाद बिक चुके हैं।
हर्बल चाय को मिला मंच
पांगी की गुरणू हर्बल चाय को भी यहां मंच मिला है। पेट दर्द के लिए रामबाण हर्बल पहले पांगी के लोग इससे पेट दर्द सहित अन्य बीमारियों को ठीक करने के लिए प्रयोग में लाते थे, लेकिन समय के साथ लोगों ने इसे चाय के रूप में पीना शुरू कर दिया है। जो कि आज के दौर में काफी मशहूर हो चुकी है। यह चाय पांगी की करीब 300 महिलाओं के लिए रोजगार का साधन भी बन गई है।
हो रही है चाय की खेती
लोग अब अन्य खेती को छोड़कर चाय की खेती करने लगे हैं। यहां लोग दूर दराज के क्षेत्रों से पांगी का सेब खरीदने के लिए भी पहुंच रहे हैं। सेब से अर्जित होने वाले धन से सीधे तौर पर पांगी के बागवानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में अब उन्हें बिचौलिए से निजात मिल गई है।
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