मणिमहेश यात्रा समाप्त, अब होगा चढ़ावे का लेखा-जोखा
मणिमहेश यात्रा-2018 राधाष्टमी स्नान के साथ ही अब संपन्न हो गई है। या˜
संवाद सहयोगी, भरमौर : मणिमहेश यात्रा-2018 राधाष्टमी स्नान के साथ ही अब संपन्न हो गई है। यात्रा के दौरान मणिमहेश न्यास के माध्यम से प्रशासन ने जमा खर्च पर मंथन करना शुरू दिया है। प्रशासन ने अब तक भरमाणी माता मंदिर, चौरासी परिसर व मणिमहेश में स्थापित किए गए दानपात्रों से दान राशि निकालने का कार्य शुरू कर दिया है। रविवार को मणिमहेश सेक्टर में स्थापित दानपात्रों से एक लाख 71 हजार 861 रुपये की दान राशि एकत्रित की गई, जबकि अभी अन्य पात्रों से दान राशि निकाले जाने का कार्य चल रहा है। इससे पूर्व जन्माष्टमी स्नान के तुरंत बाद भी पात्रों से दान की राशि निकाली गई थी, जो कि तीन लाख के करीब थी। वहीं, न्यास के माध्यम से दान एकत्रित केंद्र भी खोले गए हैं। जहां पर न्यास को विफलता ही हाथ लगी है। भरमौर में स्थापित दो दान एकत्रित केंद्र से अब तक करीब 6000 रुपये की दान राशि ही एकत्रित हो पाई है, जबकि अन्य दान एकत्रित केंद्रों में जमा की गई राशि को निकालना अभी बाकी है। यात्रा के बाद पहले दान राशि को एकत्रित करने का कार्य शुरू होता है। इसमें खुले में चढ़े चढ़ावे सहित दानपात्रों में एकत्रित हुए चढ़ावा शामिल होता है। एकत्रित करने के बाद इसे हकदारों में वितरित किया जाता है। 50 फीसद हिस्सा न्यास के पास रहता है। बाकी की राशि संचूई शिव चेले, लक्ष्मीनाथ मंदिर, दशनामी अखाड़ा भरमौर, चरपटनाथ मंदिर चंबा व अरसर के पुजारियों में बराबर बांटी जाती है।
उधर, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पृथीपाल ¨सह ने कहा कि सभी पात्रों की दान राशि को एकत्रित करने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है। दानी सज्जनों से जितना हो सकता था उन्होंने उतना सहयोग दे दिया है, जिसके लिए भरमौर न्यास उनका धन्यवाद करता है। दान से प्राप्त राशि का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। इस राशि से मणिमहेश यात्रियों की सुविधाओं के लिए कार्य किया जाएगा।