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बम-बम के जयकारों के बीच मणिमहेश के लिए छड़ी यात्रा रवाना

जिला मुख्यालय से मणिमहेश के लिए दशनाम जूना अखाड़ा की छड़ी सोमवार को रवाना हो गई।

By Edited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 12:25 PM (IST)
बम-बम के जयकारों के बीच मणिमहेश के लिए छड़ी यात्रा रवाना
बम-बम के जयकारों के बीच मणिमहेश के लिए छड़ी यात्रा रवाना

चंबा, जेएनएन। जिला मुख्यालय से मणिमहेश के लिए दशनाम जूना अखाड़ा की छड़ी सोमवार को बम-बम भोले के जयकारों के बीच रवाना हो गई। छड़ी छह दिन में पैदल चंबा से मणिमहेश झील के बीच की दूरी तय करेगी। राधाष्टमी पर इस छड़ी को मणिमहेश डल झील में डुबोया जाएगा, इसके बाद मणिमहेश यात्रा संपन्न हो जाएगी। सोमवार दोपहर बाद शहर के रामगढ़ मोहल्ले में मौजूद दशनाम अखाड़ा जाकर उपायुक्त हरिकेश मीणा ने वहां मौजूद भगवान दत्तात्रेय की पूजा-अर्चना कर छड़ी को मणिमहेश के लिए रवाना किया।

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छड़ी यात्रा की अगुवाई दशनाम अखाड़ा के महंत यतिंद्र गिरि ने की। छड़ी होमगार्ड के बैंड की अगुवाई में अपने पहले पड़ाव जुलाहकड़ी के लिए निकली। जब छड़ी श्रीराधा कृष्ण मंदिर पहुंची तो यहां लोगों ने इसका भव्य स्वागत किया। छड़ी सोमवार रात यहां रुकने के बाद अगले पड़ाव के लिए निकल जाएगी। देश के विभिन्न भागों से पहुंचे साधु-संतों ने ईष्ट देव भगवान शिव के जयकारों के साथ छड़ी यात्रा में भाग लेते हुए इसकी शोभा बढ़ाई। दशनाम अखाड़ा के महंत यतेंद्र गिरि ने बताया कि रियासतकाल से इस धार्मिक परंपरा का निर्वहन दशनाम अखाड़ा चंबा करता आ रहा है। इस छड़ी को भगवान शंकर का अंश माना जाता है। इस मौके पर एसडीएम दीप्ति मंढोत्रा सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।

छड़ी यात्रा के ये हैं पड़ाव

दशनाम छड़ी यात्रा 10 सितंबर को जुलाहकड़ी, 11 को राख, 12 को दुर्गठी, 13 को भरमौर, 14 को हड़सर, 15 को धन्छो और 16 को मणिमहेश झील पर पहुंचेगी। राधाष्टमी का पवित्र स्नान 17 सितंबर को होगा।


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