मेडिकल फिटनेस के बाद हो मणिमहेश यात्रा
मणिमहेश यात्रा को भी अमरनाथ की तर्ज पर मेडिकल जांच के बाद ही करने की मांग उठी है।
- सांस में दिक्कत या अस्वस्थ होना रहता है मौत का ज्यादातर कारण
- व्यवस्थाओं को लेकर भी यात्रा सवालों के घेरे में
- लाखों श्रद्धालुओं के लिए महज 250 शौचालय, सफाई की भी नहीं कोई व्यवस्था
जागरण संवाददाता, चंबा : मणिमहेश यात्रा के लिए भले ही प्रशासन ने न्यास का गठन किया है, लेकिन प्रशासन यात्रा में पुख्ता प्रबंधन करना भूल गया है। इससे यह यात्रा पूरी तरह से सवालों के घेरे में आ गई है। बेहतर प्रबंध न होने के कारण यात्रा के दौरान अब तक पांच श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इस पर यात्रियों ने भी व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाने शुरू कर दिए हैं।
मणिमहेश यात्रा मिनी अमरनाथ के नाम से मशहूर है। अमरनाथ यात्रा की भांति मणिमहेश यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को पूरी तरह से मेडिकल फिट होने का नियम लागू करना चाहिए, ताकि यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या पर अंकुश लग सके। इसके लिए सरकार को मणिमहेश यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अपना ताजा चिकित्सीय जांच प्रमाण पत्र दिखाने की शर्त लागू करनी चाहिए। जो श्रद्धालु सरकार की इस शर्त पर खरा नहीं उतरता है उसे हड़सर से आगे जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
श्रद्धालुओं प्रीतम ¨सह, कमल कुमार, पवन, अजय, नरेश, कुलदीप, सुनील का कहना है कि यह कार्य नि:संदेह सरकार व जिला स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी भरा हो सकता है, लेकिन एक बार इस व्यवस्था के सही ढंग से स्थापित होने के बाद यह यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगी। उनका कहना है कि अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर सरकार ने मणिमहेश ट्रस्ट तो बना दिया है, लेकिन उसकी तर्ज पर अब श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था भी करनी चाहिए। ऐसा देखने में आता है कि मणिमहेश यात्रा में अस्वस्थ और सांस में दिक्कत से पीड़ित लोग बीच रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। ऐसे में सरकार को यहां पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
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प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा के लिए पुख्ता प्रबंध किए हैं। प्रशासन द्वारा अगले वर्ष से स्वास्थ्य जांच के बाद ही श्रद्धालुओं को मणिमहेश जाने की अनुमति दी जाएगी। ताकि यात्रा के दौरान बीमारी के कारण किसी भी श्रद्धालु की मौत न हो।
हरीकेश मीणा, उपायुक्त चंबा
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मणिमहेश ट्रस्ट पर होता है यात्रा का जिम्मा
दो वर्ष पूर्व मणिमहेश ट्रस्ट का गठन न होने के कारण यात्रा का पूरा संचालन उपमंडल प्रशासन द्वारा किया जाता था। इसमें स्वास्थ्य सुविधा से लेकर सुरक्षा व्यवस्था का पूरा जिम्मा उपमंडल का होता था। पिछले वर्ष मणिमहेश ट्रस्ट का गठन होने के बाद यात्रा के संचालन का जिम्मा ट्रस्ट पर है। लिहाजा अब यात्रा के संचालन की पूरी जिम्मेदारी मणिमहेश ट्रस्ट की है। श्रद्धालु खुले में शौच जाने के लिए मजबूर
मणिमहेश यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं को शौच के लिए करीब 250 शौचालय की व्यवस्था की गई है। हैरत कि बात है कि जिन शौचालयों की व्यवस्था की गई है उनकी सफाई के भी कोई पुख्ता प्रबंधन नहीं हैं। जिस कारण श्रद्धालु खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। भरमौर में पार्किंग की व्यवस्था करना भूला प्रशासन
मणिमहेश यात्रा के दौरान इन दिनों भरमौर में लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। हैरानी की बात है कि प्रशासन भरमौर मुख्यालय में पाíकंग की व्यवस्था करना भूल गया है। जिस कारण श्रद्धालुओं द्वारा सड़क किनारे की वाहनों को खड़ा कर दिया जा रहा है। इससे भरमौर में जाम लगना आम बात हो गई है।