दशनाम जूना अखाड़ा की छड़ी में छह साधु ही जाएंगे
कोरोना महामारी की वजह से इस बार मणिमहेश यात्रा के दौरान जिला मुख्याल
संवाद सहयोगी, चंबा : कोरोना महामारी की वजह से इस बार मणिमहेश यात्रा के दौरान जिला मुख्यालय से निकलने वाली मणिमहेश के लिए दशनाम जूना अखाड़ा की छड़ी का संचालन भी सीमित रूप किया जाएगा। इसके लिए भरमौर प्रशासन ने खाका तैयार कर लिया है। दशनाम जूना अखाड़ा की छड़ी में इस बार चरपट नाथ व दशनामी अखाड़ा से तीन-तीन सदस्यों को छड़ी के साथ मणिमहेश डल झील जाने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए एसडीएम भरमौर ने दशनाम अखाड़ा के श्रीमहंत को पत्र लिखकर जानकारी दे दी है।
छड़ी हर वर्ष राधाष्टमी स्नान से छह दिन पूर्व पैदल चंबा से मणिमहेश झील के बीच की दूरी तय करती है। राधाष्टमी पर इस छड़ी को डल झील में डुबोया जाता है, जिसके बाद मणिमहेश यात्रा संपन्न हो जाती है। दशनाम अखाड़ा ने जाने से पूर्व वहां मौजूद भगवान दत्तात्रेय की पूजा-अर्चना करने के पश्चात इस छड़ी को मणिमहेश के लिए रवाना किया जाता है। छड़ी यात्रा की अगुवाई दशनाम अखाड़ा के महंत यतेंद्र गिरी करते हैं। इस छड़ी को भगवान शंकर का अंश माना जाता है। इस छड़ी यात्रा का उसी तरह धार्मिक महत्व है, जिस प्रकार से अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रीनगर से निकलने वाली दशनाम छड़ी यात्रा का होता है। इस यात्रा के मुख्य पड़ाव राख, दुर्गठी, भरमौर, हड़सर, धनछो और मणिमहेश झील हैं।