बेसहारा पशुओं से हादसों का डर
संवाद सहयोगी डलहौजी बनीखेत कस्बे में आजकर बेसहारा पशु सबके लिए मुसीबत बने हुए हैं। यह
संवाद सहयोगी, डलहौजी : बनीखेत कस्बे में आजकर बेसहारा पशु सबके लिए मुसीबत बने हुए हैं। यह पशु फसलों को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं, सड़क पर घूमकर हादसों को भी न्योता दे रहे हैं। ऐसे में कस्बे के लोगों ने प्रशासन से सड़क पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की है। बनीखेत कस्बे में कुछ माह से बेसहारा पशुओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। इनके झुंड सड़क व बाजार में यहां वहां घूमते रहते हैं। बाजार में घूमने वाले पशु सब्जी की दुकानों के बाहर रखी सब्जियों में मुंह मारते हैं।
वहीं बेसहारा पशुओं को झुंड चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के बीचों-बीच बैठे रहते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का भय बना रहता है। लोगों का कहना है कि इन पशुओं में से कुछ तो मालिकों ने त्याग दिया है। कुछ लोग अपने पशुओं को सुबह सड़क किनारे छोड़ देते हैं। ऐसे पशु दिन भर यहां-वहां चरने के बाद मालिकों के घरों को लौट जाते हैं। दर्जनों की संख्या में पशु सड़क के बीचों-बीच घूमकर दुर्घटनाओं का न्योता देते हैं। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि बेसहारा पशुओं को गौशाला में भिजवाया जाए। वहीं जो लोग जानबूझ कर पशुओं को सड़क किनारे चरने के लिए छोड़ देते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जाए। पालतू मवेशियों की टैगिग होने से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
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बनीखेत में यदि बेसहारा पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है तो इस समस्या का पंचायत के साथ मिलकर पुख्ता समाधान निकाला जाएगा। लोगों को भी चाहिए कि वह पालतु पशुओं को सड़क किनारे चरने के लिए न छोड़ें।
जगन ठाकुर, एसडीएम डलहौजी।