तीन दिन बाद भी घायल विद्युत कर्मचारी को नहीं मिला उपचार
संवाद सहयोगी पांगी पांगी घाटी में गत रविवार को बिजली की लाइन को दुरुस्त करते समय पत्थर लगने से घायल हुए कर्मचारी अनुज कुमार की जान पर बन आई है। घटना के तीन दिन बाद भी उसे उचित उपचार नहीं मिल पाया है। उपचार नहीं मिल पाने के कारण घायल ने तीन दिन से कुछ खाया भी नहीं है। ऐसे में उसकी तबीयत और बिगड़ गई। डॉक्टरों के मुताबिक जब तक सिटी स्कैन नहीं हो जाता तब तक सिर में किसी भी तरह की हलचल होना जोखिमपूर्ण हो सकता है। घायल
संवाद सहयोगी, पांगी : पांगी घाटी में रविवार को बिजली लाइन की मरम्मत करते समय पत्थर लगने से घायल टीमेट अनुज कुमार की जान पर बन आई है। घटना के तीन दिन बाद भी उसे उचित उपचार नहीं मिल पाया है। उपचार न मिलने के कारण घायल ने तीन दिन से कुछ भी खाया नहीं है। ऐसे में उसकी तबीयत और बिगड़ गई है। डॉक्टरों के मुताबिक जब तक सिटी स्कैन नहीं हो जाता, तब तक सिर में किसी भी तरह की हलचल होना जोखिमपूर्ण हो सकता है। घायल अनुज कुमार को सोमवार को पुर्थी से बोर्ड कर्मचारियों ने किलाड़ पहुंचाया था। यहां पहुंचने पर देर न करते हुए उसे चंबा के लिए लाया जा रहा था, लेकिन जम्मू-कश्मीर के शवास नामक स्थान पर रास्ता बंद होने के कारण उसे रात को धरवास में ही रुकना पड़ा। सोमवार को हुई बर्फबारी के कारण उर ढांक में ग्लेशियर आने के कारण किलाड़ के लिए आने वाला मार्ग भी बंद हो गया है। ऐसे में उसे किलाड़ मुख्यालय भी नहीं लाया जा सका था। स्थानीय निवासी बालक राम, रांझा राम, दिलाराम, कर्म सिंह, गोपाल चंद तथा केवल राम का कहना है कि मंगलवार को मौसम साफ था, ऐसे में हेलीकॉप्टर की मदद से उसे चंबा पहुंचाया जा सकता था। लेकिन ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। ऐसे में लोगों ने प्रशासन तथा सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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जूनियर टी मेट अनुज कुमार रविवार को पत्थर लगने की जानकारी मिली थी। तब से उसको घाटी से बाहर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार तथा जनजातीय विकास विभाग को भी अवगत करवाया गया है। सोमवार को घायल को किलाड़ से चंबा के लिए वाया जम्मू-कश्मीर ले जाया जा रहा था। लेकिन, शवास में भूस्खलन के कारण रास्ता बंद हो गया है। प्रशासन द्वारा घायल को घाटी से बाहर अस्पताल तक पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।
-विश्रुत भारती, एसडीएम, पांगी।